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स्टेट बोरिंग से किसानों को नहीं मिल रहा लाभ

जिले के किसानों को स्टेट बोरिंग की सुविधा नहीं मिलने के कारण उसकी खेती पर पर असर पड़ रहा है। विभागीय उदासीनता से जिले के किसान लघु सिंचाई की सुविधा से वंचित हो रहे...

स्टेट बोरिंग से किसानों को नहीं मिल रहा लाभ
हिन्दुस्तान टीम,कटिहारWed, 22 Jan 2020 11:32 PM
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जिले के किसानों को स्टेट बोरिंग की सुविधा नहीं मिलने के कारण उसकी खेती पर पर असर पड़ रहा है। विभागीय उदासीनता से जिले के किसान लघु सिंचाई की सुविधा से वंचित हो रहे हैं।

एक ओर विगत पांच वर्षों से जिले के 45 स्टेट बोरिंग बंद पड़ा है। जबकि बिजली बिल नहीं चुकाने के कारण आधा से अधिक बंद पड़ा हुआ है। कल पुर्जे के खराबी व रख रखाव के अभाव में बंद पड़े चालू कराने के लिए विभागीय पदाधिकारी राशि के आवंटन का रोना रो रहे हैं। मालूम हो कि जिले के किसानों को सिंचाई सुविधा बहाल करने के उद्देश्य से लघु सिंचाई विभाग द्वारा कुल 163 स्टेट बोरिंग का बोर विभिन्न खेतों व बहियार में किया गया था। इस योजना के तहत किसानों को सामुहिक रुप से बिजली बिल व सिंचाई शुल्क चुकाने के बाद निर्बाध गति से सिंचाई की सुविधा प्रदान की गई थी। दो दशक पूर्व तक स्टेट बोरिंग के माध्यम से किसानों को अपने फसल की सिंचाई की सुविधा मिलती रही। बाद में बिजली बिल नहीं चुकाने तथा जर्जर स्टेट बोरिंग की मरम्मति के अभाव में यह योजना जिले के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। इस बावत फलका प्रखंड के पोठिया गांव के रहनेवाले किसान अनहद मंडल, शशिभूषण कुमार, देवेन्द्र झा, पिंटू तिवारी ने बताया कि स्टेट बोरिंग विभागीय उदासीनता के कारण खराब है। उन्हें सिंचाई के लिए महंगे डीजल व पम्पसेट का सहारा लेना पड़ रहा है।

कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों से खराब स्टेट बोरिंग को ठीक करवाने और चालू करवाने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन कोई साकारात्मक पहल नहीं हुई।

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