सदर अस्पताल: ओपीडी शिफ्ट होने पर इलाज कराने के लिए भटकते रहे मरीज
सदर अस्पताल परिसर स्थित एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का नवनिर्मित भवन में सोमवार को ओपीडी को स्थानांतरित कर दिया गया। पहले दिन नए जगह पर ओपीडी सेवा की शुरुआत कुव्यवस्था के बीच शुरू हुई। इससे न केवल डॉक्टर...
सदर अस्पताल परिसर स्थित एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का नवनिर्मित भवन में सोमवार को ओपीडी को स्थानांतरित कर दिया गया। पहले दिन नए जगह पर ओपीडी सेवा की शुरुआत कुव्यवस्था के बीच शुरू हुई। इससे न केवल डॉक्टर बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ इलाज कराने आए ओपीडी के रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ओपीडी सेवा को नए जगह पर स्थानांतरित करने के बाद कोई बोर्ड नहीं लगाया गया। इस कारण से जिले के विभिन्न प्रखंडों से आये रोगी पर्चा कटाने के बाद पुराने जगह पर ही चले गए। करीब 15 से 20 मिनट तक हाथ में पर्चा लेकर इलाज कराने के लिए ओपीडी के एक नंबर, आठ नंबर, चार नंबर में खोजते रहे। नए स्थल पर पहुंचने के बाद संगीता देवी ने कहा कि वह अपने बच्चे को दिखाने आई हैं। आठ नंबर ओपीडी कक्ष खोजने पर भी नहीं मिल रहा है। नीचे में लोग ऊपर जाने को कहते रहे तो ऊपर जाने पर नीचे जाने की बात कहते रहे। इस प्रकार वह करीब 45 मिनट तक इलाज के लिए परेशान रही। इसके अलावा कई अन्य मरीजों को भी परेशानी हुई।
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी ने बिना समुचित व्यवस्था के ही ओपीडी सेवा की शुरुआत करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन को ओपीडी लायक जगह बनानी चाहिए थी। इसके बाद सेवा को स्थानांतरित करना चाहिए था ताकि जो परेशानी ओपीडी सेवा देने व लेने में रोगियों को हो रही है वह नहीं हो पाता। ओपीडी के नए जगह पर बिजली की व्यवस्था की गई है लेकिन जनरेटर नहीं। इस कारण से कई डॉक्टर कुछ देर तक इलाज करने के बाद बाहर निकलते रहे।
करीब 30 से 40 मिनट तक पुराने वाले जगह पर एसी का हवा खाने और पंखा का हवा खाने के बाद दोबारा इलाज करने पहुंचे। इस बीच रोगियों को करीब इस भीषण गर्मी में इलाज के लिए आधा घंटे से अधिक समय तक परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीजों ने व्यवस्था बढ़ाने की मांग की।
रक्त जांच कराने में हुई परेशानी: इतना ही नही नए जगहों पर ओपीडी सेवा में व्याप्त कुव्यवस्था के कारण केवल एक्स-रे सेवा सही रूप से मिल सकी। रक्त जांच कराने में रोगियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
मात्र तीन कक्ष में डॉक्टर नजर आए: ओपीडी सेवा में पांच कक्षों की जगह मात्र तीन कक्ष में डॉक्टर नजर आये। महिला ओपीडी में डॉ. कनक रंजन, डॉ. प्रियंका कुमारी, मेडिसिन कक्ष में डॉ. एके देव और सर्जिकल कक्ष में एक डॉक्टर तैनात दिखे। बच्चा और चर्म रोग कक्ष के वार्ड में डॉक्टर नहीं थे। दवा वितरण कक्ष, जांच कक्ष के बाहरी परिसर पर मिट्टी का ढेर रहने और गड्ढा रहने के कारण रोगियों कोक दवा लेने और जांच कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों ने कहा कि नए जगहों पर पहले दिन ओपीडी सेवा प्राप्त करने में काफी पीड़ादायक रहा। यहां पहले सारी सुविधाएं मुहैया कराने के बाद ओपीडी लाना चाहिए था।