अधिवक्ता दिवस व पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती को लेकर संघ के सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया। अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष महानंद यादव ने की। उपस्थित अधिवक्ताओं ने पूर्व राष्ट्रपति के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके दर्शन पर चलने का संकल्प लिया। मौके पर संघ के सचिव विजय कुमार झा एवं कई अधिकारी मौजूद थे।
अध्यक्ष महानंद ने कहा कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद देश के बेहतरीन वकील थे तथा संविधान सभा के प्रमुख सदस्य के साथ साथ बतौर राष्ट्रपति उनकी देश और मानव सेवा में सराहनीय योगदान रहा। उन्होंने कहा कि देश और समाजहित में अधिवक्ता समुदाय ने हमेशा त्याग और समर्पण दिखाया है। बावजूद सरकार से इस समाज से कोई सुविधा नहीं मिलती है। सचिव विजय कुमार झा ने कहा कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने बतौर अधिवक्ता पूरे विश्व में एक मिसाल कायम किया। कोविड 19 की संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा लॉकडाउन की उठायी गयी कदम के बीच वकीलों ने र्धैर्य व संयम के साथ अपनी भूमिका निभायी। केन्द्र व राज्य सरकार ने अधिवक्ताओं को किसी भी स्तर पर सहायता प्रदान की और न ही लॉकडाउन के कारण प्रभावित न्यायिक कार्य की स्थिति में वकीलों के लिए कोई पैकेज, नीति बनाने की घोषणा की। सचिव श्री झा ने तत्काल अदालत की संचालन को लेकर जो सुविधा बहाल की गयी है उसे पूरी तरह कारगर नहीं बताया। बावजूद अधिवक्ताओं को सतर्क और संयमित रहकर अपने कार्यों का निष्पादन करने के जरुरत पर बल दिया। अधिवक्ताओं ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद हमेशा देश के विकास में आगे रहे। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। मौके पर अधिवक्ता प्रदीप कुमार दत्ता, उज्जवल कुमार सिंह, अविनाश यादव, मो मंजूर आलम, शंकर सिहं, मनिकेश झा, मनोज झा, रतन कुमार राय, वकार अंजूम, युगलकिशोर यादव, जगदीशचन्द्र पटेल, अरविंद सिंह सहित दर्जनों की संख्या में अधिवक्ताओं ने भाग लिया।