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एटीएम में रुपये नहीं, भटकते रहे लोग

जिले भर में राष्ट्रीयकृत बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल पर चले जाने के कारण शनिवार को भी बैंकों में ताले लटके रहे। जिसके कारण जिले में कारोबार पर काफी असर...

एटीएम में रुपये नहीं, भटकते रहे लोग
हिन्दुस्तान टीम,कटिहारSun, 02 Feb 2020 12:57 AM
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जिले भर में राष्ट्रीयकृत बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल पर चले जाने के कारण शनिवार को भी बैंकों में ताले लटके रहे। जिसके कारण जिले में कारोबार पर काफी असर पड़ा।

दो दिनों में दो सौ करोड़ रुपये का लेन देन प्रभावित हुआ। इस हड़ताल में निजी बैंक अलग रहे। इसके बावजूद एटीएम के समीप लोगों की भीड़ लगी रही। एटीएम में भी पर्याप्त राशि नहीं रहने के कारण ग्राहकों को रुपये निकालने के लिए इधर उधर भटकना पड़ा।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर दस सूत्री मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल पर बैंक कर्मियों के चले जाने के कारण ग्राहकों को अब सोमवार तक बैंक खुलने का इंतजार करना पड़ेगा। इस बाबत यूनाइटेड बैंक क्षेत्रीय शाखा के सचिव प्रशांत सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 के नवम्बर से ही वेतन समझौता लम्बित सहित कई मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रमुख मांगों में पांच दिवसीय बैंकिंग लागू करने, विशेष भत्ता को मूल वेतन में विलय करने, नई पेंशन प्रणाली लागू करने, पेंशन वृद्धि समझौता लागू करने, पारिवारिक पेंशन में वृद्धि करने व कार्यावधि निश्चिय करने सहित मांगे प्रमुख रुप से शामिल है।

इन बैंकों के कर्मचारियों ने हड़ताल में लिया हिस्सा: दो दिवसीय हड़ताल में सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया,यूनाइटेड बैंक, इलहाबाद बैंक, एसबीआई, यूनियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक ऑफ इंडिया समेत जिले के 106 राष्ट्रीयकृत बैंकों के शाखा में ताले लटके रहे। बैंक हड़ताल के कारण आम ग्राहकों को दो दिनों तक काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान बैंक कर्मी राजेश कुमार भगत, निखिल दत्ता, अखिलेश दत्ता, मृत्युंजय कुमार, कमल किशोर कुमार, एसबीआई के प्रणव पाल, पंकजेश, ललन कुमार, अविनाश कुमार, कुणाल कुमार चंदन कुमार, हीरालाल कुमार घोष, प्रवीण गुप्ता के अलावा दर्जनों कर्मियों ने सरकार के विरोध में नारेवाजी की।

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