पिंडा गोली व हत्याकांड की सीआईडी जांच की उठी मांग
पिंडा गोली व हत्याकांड की सीआईडी जांच की उठी मांग पिंडा गोली व हत्याकांड की सीआईडी जांच की उठी मांग पिंडा गोली व हत्याकांड की सीआईडी जांच की उठी मांग

कटिहार, एक संवाददाता भाकपा माले के जिला कमिटी के तत्वावधान में मनसाही थाना क्षेत्र के पिंडा गांव में जमीनी विवाद को लेकर घटित हत्याकांड और मारपीट के खिलाफ माले विधायक महबुब आलम के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने शहर में मार्च निकाली। मार्च समाहरणलय पहुंच कर प्रदर्शन व धरना में बदल गई। समाहरणालय के पश्चिमी द्वार के सामने बलरामपुर विधायक महबुब आलम, राजद नेता आशु पांडेय सहित दर्जनों लोग बैठक कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस क्रम में समाहरणालय का पश्चिमी गेट पर पुलिस बल तैनात किया गया था। साथ ही गेट को बंद कर दिया गया है। मालूम हो कि अन्याय के खिलाफ आदिवासी समुदाय के किसानों ने राजेंद्र स्टेडियम से पैदल मार्च निकालकर शहीद चौक, जेपी चौक, अमरजवान चौक, मिरचाईबाडी चौक, अंबेडकर चौक होते हुए समाहरणाल के पश्चिमी गेट के समक्ष पहुंच कर प्रदर्शन में बदल गई। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भूमि सुधार उप समहत्र्ता सदर के न्यायालय द्वारा के तहत बटाईदार घोषित करने पर 30 नवंबर को मनसाही थाना क्षेत्र के पिंडा गांव के सिकमी बटाईदार महेंद्र उरांव एवं रघुनाथ उरांव ट्रैक्टर से जोत कर रहे थे। इसी क्रम में गोविंद सिंह 7 नामजद आरोपी और अन्य अज्ञात लोगों द्वारा आदिवासी बंटाईदारों को जाति लगाकर गाली गलौज करते हुए महेंद्र उरांव, रघुनाथ उरांव एवं अन्य लोगों पर गोली और बम बरसाने लगे। गोली बैजनाथ उरांव और रघुनाथ को गोली लग गया। जिसमें बैजनाथ की मौत हो गई। वहीं जख्मी का इलाज चल रहा है। इस घटना में माझो देवी भी घायल हो गई थी। प्रदर्शनकारी ने बताया कि मनसाही थानाध्यक्ष को सुबह 8 बजे आदिवासी टोला ांव पिंडा मं आकर बंटाईदार महेंद्र, रघुनाथ उरांव के घर में जाकर धमकाया गया था कि जमीनी जोतने के लिए नहीं जाये। घटना के समय कुरेठा स्टेशन के समीप चार जीप पुलिस के साथ एसडीपीओ सदर मौजूद थे। मगर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। वक्ताओं ने इस घटना की मांग सीआईडी से जांच कराने की मांग की है। वक्ताओं ने मुख्यमंत्री को ध्यान आकृष्ट कराते हुए प्रभारी डीएम सह एडीएम को मांग पत्र सौंपा है।
मृतक के परिजनों को 20 और जख्मी के आश्रित को 10 लाख मुआवजा की मांग
प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन के क्रम में एडीएम को दिये ज्ञापन में जमीन के लिए गोली से हत्या की गई बैद्यनाथ उरांव के परिजन को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने, आश्रित को सरकारी नौकरी देने, जख्मी को 10 लाख रुपये सहायता राशि देने, गोली से घायल माइनो देवी को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने, अपराधियों द्वारा खेत में जलाये गये दो ट्रैक्टरों के मालिकों को दस-दस लाख रुपये का मुआवजा देने, मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने, अपराधियों को बचाने की नियत से हत्यारों की पत्नी से झूठा आवेदन देकर केस दर्ज करने के खिलाफ जांच कराने, हत्याकांड में शिामल अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने, की मांग की। आंदोलनकारियों ने कहा कि 15 दिनों के अंदर उन लोगों की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वे लोग जिला स्तर पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। मौके पर बिटका हेंब्रम के अलावा अन्य नेता व स्थानीय लोग मौजूद थे।
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