नेपाल में ब्याह रचाते ही भारत को कह रहीं अलविदा
नेपाल में ब्याह रचाते ही भारत को कह रहीं अलविदा नेपाल में ब्याह रचाते ही भारत को कह रहीं अलविदानेपाल में ब्याह रचाते ही भारत को कह रहीं अलविदानेपाल मे

कटिहार, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। पड़ोसी देश नेपाल के साथ कटिहार जिले से बेटी-रोटी का रिश्ता रहा है। जिले से कई बेटियां नेपाल में ब्याही गई है। इतना ही नहीं नेपाल में रह रहे भारतीय मूल के लोगों की बेटी भी कटिहार एवं आसपास के इलाके में विवाह कर रह रही है। बताते चलें कि नेपाल में ब्याह रचाने के बाद अधिकांश बेटियों ने नागरिकता के परित्याग के लिए आवेदन तो नहीं दिया है। लेकिन वहां का नागरिकता प्राप्त करने के बाद भारत के वोटर लिस्ट में अपना नाम कटवा ली है। समाहरणालय स्थित जिला सामान्य प्रशाखा में चालू वित्तीय वर्ष में कुल 30 आवेदन नागरिकता परित्याग प्रमाण पत्र के लिए दिया गया है। विभाग द्वारा इसका सत्यापन किया जा रहा है। विभाग की मानें तो अधिकांश आवेदन में भारत के कटिहार जिला ही सिर्फ लिखा रहता है। जिससे सत्यापन में परेशानी आती है। साथ ही नागरिकता हासिल करने के लिए एक भी आवेदन नहीं आया है। कुरसेला की मीना कुमारी ने बताया कि उनका विवाह वर्ष 1992 में नेपाल के विराटनगर में हुई है। उन्होंने बताया कि नेपाल का नागरिकता मिलने के बाद उन्होंने अपना नाम यहां के वोटर लिस्ट से कटवा लिया है। बावजूद अभी भी कटिहार जिला स्थित अपने मायके में आना जाना लगा रहता है। रोजार के लिए नेपाल गये और वहीं के हो गये। इस बाबत बरारी प्रखंड के दरबै गांव निवासी चंचल कुमार एवं उसकी पत्नी बुलबुल देवी ने बताया कि वर्ष 1990 में अपनी पत्नी के साथ बेरोजगारी से तंग आकर नेपाल के धरान में सब्जी की दुकान किया। बाद में अभी डेकोरेटर एवं शादी विवाह के लिए सामग्री उपलब्ध कराने का काम करते हुए धरान में ही घर बना लिये हैं। साथ ही नागरिकता प्राप्त कर नेपाल में ही बस गये हैं। अबभारत एवं नेपाल दोनों स्थान को अपना मातृभूमि समझते हैं।
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