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खेरिया गांव में क्रंदन से वातावरण हुआ गमगीन

एक तरफ बच्चों की लम्बी आयु के लिए मां जहां छठ का खरना कर रही है वहीं दूसरी ओर खरना के ही दिन दो बालकों के डूबने से पूरे खेरिया गांव में वेदना की लहर है तथा माताओं के करूण क्रंदन से गांव में मातमी...

एक तरफ बच्चों की लम्बी आयु के लिए मां जहां छठ का खरना कर रही है वहीं दूसरी ओर खरना के ही दिन दो बालकों के डूबने से पूरे खेरिया गांव में वेदना की लहर है तथा माताओं के करूण क्रंदन से गांव में मातमी...
1/ 2एक तरफ बच्चों की लम्बी आयु के लिए मां जहां छठ का खरना कर रही है वहीं दूसरी ओर खरना के ही दिन दो बालकों के डूबने से पूरे खेरिया गांव में वेदना की लहर है तथा माताओं के करूण क्रंदन से गांव में मातमी...
एक तरफ बच्चों की लम्बी आयु के लिए मां जहां छठ का खरना कर रही है वहीं दूसरी ओर खरना के ही दिन दो बालकों के डूबने से पूरे खेरिया गांव में वेदना की लहर है तथा माताओं के करूण क्रंदन से गांव में मातमी...
2/ 2एक तरफ बच्चों की लम्बी आयु के लिए मां जहां छठ का खरना कर रही है वहीं दूसरी ओर खरना के ही दिन दो बालकों के डूबने से पूरे खेरिया गांव में वेदना की लहर है तथा माताओं के करूण क्रंदन से गांव में मातमी...
हिन्दुस्तान टीम,कटिहारTue, 13 Nov 2018 12:00 AM
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एक तरफ बच्चों की लम्बी आयु के लिए मां जहां छठ का खरना कर रही है वहीं दूसरी ओर खरना के ही दिन दो बालकों के डूबने से पूरे खेरिया गांव में वेदना की लहर है तथा माताओं के करूण क्रंदन से गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है।

ममेरे व फुफेरे भाई की मौत के बाद सबों की आंखे जहां नम हो गयी वहीं लीला एवं रेणु भौजाई व ननद की एकसाथ बेटे की सलामती के लिए छठ माई भी ढाल नहीं बन सकी। ननद व भोजायी को क्या पता था कि जिसकी सलामती के लिए छठपर्व कर रही है सोमवार को ठीक खरना के दिन अपने बेटे का शव देखने को मिलेगा।

सेमवार को उदय की बहन मुन्नी अपने ससुराल मधेपुरा जिले के पेना चिरोरी से छठ करने के लिए अपने मायके खेरिया आयी थी। लेकिन विधि को कुछ और मंजूर था। क्रंदन करते हुए कह रही थी कि आखिर उसके पूजा व अर्चना में कहां कमी रह गयी जो छठी मईया ने इतना बड़ा दंड के रूप में बेटे के मौत का समाचार दिया।

सोमवार को खेरिया गांव के उदय रजक के 15 वर्षीय पुत्र अमन एवं उसके 17वर्षीय भगिना प्रभात की मौत के बाद दो युवकों के शव को देखने के लिए महिला एवं पुरुषों की भीड़ एकत्रित हो गई। वहीं सभी के आंखें नम नजर आ रही थी। जनप्रतिनिधि दे रहे थे ढांढस: गम के इस दौर में जहां सबों के आंखों से अविरल आंसू टपक रहा था वहीं बेटे और भांजे को एकसाथ खोनेवाले उदय रजक की स्थिति सबसे दयनीय नजर आ रहा था। वह एकटक सिर्फ निहार रहा था। उसकी स्थिति देखते हुए लोगों ने चिकित्सक के पास भेजा।

उधर इस बाबत बरारी के विधायक नीरज यादव ने इस घटना को प्रशासनिक उदासीनता बताते हुए कहा कि जिला प्रशासन को बार-बार इस मामले में हिदायत दी गयी थी बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया। श्री यादव ने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण दो माताओं का गोद सूना हो गया। उधर पूर्व सांसद नरेश यादव ने कहा कि घाट पर किसी पदाधिकारी के नहीं रहने के कारण इस तरह की घटना घटित होती है। दुखद घटना पर संवेदना प्रकट करनेवालों में जिला पार्षद गोपाल यादव, पूर्व जिला पार्षद उमेश कुमार , प्रमुख कुमारी पूजा, प्रमुख प्रतिनिधि कारेलाल यादव, चन्द्रकिशोर, अजय यादव, कालेश्वर राम,संजय मधुकर ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि मृतक के आश्रितों को मुआवजा के साथ-साथ छठ घाट पर सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था हो।

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