किसानों को निर्धारित सरकारी दर पर दें खाद
कटिहार | कार्यालय संवाददाता जिले में रसायनिक खाद की कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर...
कटिहार | कार्यालय संवाददाता
जिले में रसायनिक खाद की कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर सम्बंधित प्रखंडों के लाइसेंसधारी उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश उपविकास आयुक्त ने जिला कृषि पदाधिकारी को दिया है। यह आदेश जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक डीएम के आदेश के आलोक में छह दिसम्बर को आहूत बैठक में उपविकास आयुक्त ने दिया।
जिला कृषि पदाधिकारी रबी फसल आच्छादन समीक्षा के दौरान बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के चालू रबी मौसम में फसलों के बुआई का कार्य कृषकों द्वारा प्रारम्भ किया जा चुका है। गेहूं की खेती का लक्ष्य 26149 हेक्टेयर रखा गया है। जिसके अनुपात में 12524 हेक्टेयर में बुआई कर ली गयी है। जिसका प्रतिशत 47.89 है। जौ की खेती के लिए 41 हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 23 हेक्टेयर में खेती की गयी है जो 56.10 प्रतिशत है। रबी मक्का की खेती के लिए 51011 हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया है जिसके अनुपात में अब तक 31025 हेक्टेयर में बुआई कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि रबी मक्का का प्रतिशत 60.82 प्रतिशत है। गर्मा मक्का की खेती का लक्ष्य 11 हजार हेक्टयर है। इसके अलावा चना, मसूर, मटर, दलहन, सरसो, तीसी, सूर्यमुखी, तिल की खेती होती है। समीक्षा के क्रम में उपविकास आयुक्त अरुण कुमार ठाकुर ने लाइसेंसधारी उर्वरक विक्रेताओं से कहा कि किसानों को निर्धारित सरकारी दर पर खाद उपलब्ध करावें। जिले में 19 थोक विक्रेता व्यापार मंडल के चार खुदरा उर्वरक विक्रेताओं की संख्या 500, प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति लिमिटेड के 43 कृषक स्वावलम्बी सहयोग समिति के चार ,आईएफएफडीसी कृषक सेवा केन्द्र व्यवसायी हैं। जिनके माध्यम से जिला में उर्वरकों की आपूर्ति कृषकों को की जाती है।
जिला कृषि पदाधिकारी दिनकर प्रसाद सिंह ने जानकारी दिया कि रबी की बुआई के लिए किसानों के द्वारा डीएपी की मांग की जा रही है। वर्तमान में इफको कम्पनी द्वारा 833 एमटी पीपीएल कम्पनी द्वारा 515 एमटी कुल 1348 एमटी एवं आईपीएल 575 एमटी डीएपी उपलब्ध कराया गया है। समीक्षा के क्रम में बताया गया कि जिले में कुल 105 जगहों पर छापेमारी की गयी। 26 मामले में अनियमितता पायी गयी है। जिनमें से चार विक्रेता पर प्राथमिकी दर्ज की गयी। तीन विक्रेताओं का अनुज्ञप्ति रद्द कर दिया गया और दस विके्रताओं को निलम्बन किया गया है। सात विक्रेताओं से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
उपविकास आयुक्त ने समीक्षा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि किसी भी प्रखंड से निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य में उर्वरक की बिक्री की जाती है या उर्वरक की कालाबाजी की जाती है तो सम्बंधित विक्रेता के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।