खतरे के निशान से गंगा, कोसी, बरंडी व महानंदा है ऊपर, 113 नाव किया जा रहा है परिचालन
धीमी गति से घटने के कारण बाढ़ की स्थिति जस का तसधीमी गति से घटने के कारण बाढ़ की स्थिति जस का तसधीमी गति से घटने के कारण बाढ़ की स्थिति जस का तसधीमी ग

कटिहार, एक संवाददाता जिले में सभी नदियों का जलस्तर घट रहा है। बावजूद बाढ़ की स्थित 3 जस का तस हैं। गंगा, और कोसी खतरे के निशान से ऊपर है। कोसी नदी का पानी खतरे के निशान से कुरसेला में 62 सेमी, गंगा नदी का जलस्तर बरारी के काढ़ागोला में 70 सेमी,बरंडी नदी का जलस्तर समेली प्रखंड के डुमर गांव के समीप 62सेमी और महानंदा नदी का जलस्तर अमदाबाद प्रखंड के गोविदंपुर के समीप 43सेमी ऊपर हैं। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि सोमवार की सुबह से लेकर शाम तक कोसी का जलस्तर में 10सेमी, कारी कोसी के जलस्तर में 13सेमी, बरंडी का जलस्तर में 10 सेमी घट गया है।
महानंदा नदी का जलस्तर झौटा में 22सेमी,बहरखाल में 22सेमी, आजमनगर में 22सेमी, धबौल में 22सेमी, कुर्सेल में 22सेमी, दुर्गापुर में 20 सेमी और गोविदंपुर में 16 सेमी घट गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह के निर्देश पर सालमारी क्षेत्र में कटाव को रोकने के लिए फ्लड फाइटिंग वर्क शुरू कर दिया गया है। स्थिति नियंत्रण में हैं। सभी तटबंध और स्पर सुरक्षित हैं। चौकसी और निगरानी बरती जा रही है। आपदा विभाग के एडीएम नुरूल ऐन ने बताया कि बाढ़ के प्रभाव से कोढ़ा, प्राणपुर, समेली, मनसाही, मनिहारी, बरारी, कुरसेला और अमदाबाद प्रखंड में बाढ़ की समस्या बनी हुई है। उन्होंने बताया कि इन प्रखंडों के 60 पंचायतों के 585 वार्ड और बरारी, मनिहारी, कुरसेला और अमदाबाद नगर पंचायत के 34 वार्डों में 6 लाख 68 हजार 587 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि अब तक 51 हजार 859 लोगों के बीच पॉलिथीन का वितरण किया गया। 113 नाव का परिचालन कराया जा रहा है। सोमवार को 265 सामुदायिक किचन का संचालन कर प्रभावित लोगों को भोजन कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक 22 लाख 18 हजार 44 लोगों को भोजन कराया गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 168 स्वास्थ्य कैंप लगाकर 11934 लोगों का इलाज किया गया। उन्होंने बताया कि बाढ़ग्रस्त इलाके में 875 पशुपालकों के 947 पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराया गया है। उन्हासेंने बताया कि आवश्यकता के अनुसार बाढ़ का पानी उतरने के बाद कृषि दल से संबंध पदाधिकारी व कर्मियों द्वारा तत्काल कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि सभी तटबंधों पर प्रतिनियुक्त सुरक्षा प्रहरी के माध्यम से चौबीस घंटे निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि 20 अगस्त से बाढ़ पीड़ितों के बीच जीआर राशि दिया जायेगा। इसके लिए बाढ़ पीड़ितों की सूची तैयार की जा रही है।
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