परीक्षा पास करने के बाद रोजगार के लिए बेरोजगार युवक भटक रहे हैं। मार्च माह में जिले के 130 युवकों का नाम वेल्ट्रॉन के मेघासूची में नाम आया था। इसके बाद युवकों में खुशी का माहौल छा गया था लेकिन यह खुशी इन दिनों गम में बदल गया है।
कंप्यूटर की सीबीटी परीक्षा और टाइपिंग टेस्ट परीक्षा देने के बाद भी नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। गुरुवार को जिला पदाधिकारी को एक आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाने वालों में ब्रजेश कुमार, मो. मुजीब, पिं्रस कुमार श्रीवास्तव, रोशन कुमार दीपा कुमारी, मौसम कुमारी, सुधांशु कुमार, सूरज कुमार, राजकुमार दास आदि ने बताया कि डाटा इंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति वेल्ट्रोन द्वारा की जानी थी लेकिन वेल्ट्रॉन के पास पैनल नहीं रहने के कारण राज्य प्रशासनिक सुधार मिशन द्वारा जारी पत्र के आलोक में पैनल से नियुक्ति नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव बिहार सह अध्यक्ष शासी परिषद बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की अध्यक्षता में आयोजित 23वीं बैठक में सोसाइटी के अंतर्गत संविदात्मक पदों तथा आईटी प्रबंधक, आईटी सहायक एवं कार्यपालक सहायक के नियोजन से संबंधित निर्णय लिया गया था। निर्णय के आलोक में उक्त पदों के विरूद्ध वेल्ट्रॉन के माध्यम से किए जाने की बात कही गई थी। जिला रिक्तियों के अनुरूप आदर्श आरक्षण रोस्टर का अनुपालन करते हुए वेल्ट्रॉन से डाटा इंट्री ऑपरेटरों की सेवा प्राप्त करने केि लए अधियाना करने का निर्णय लिया गया था। अभी उक्त निर्णय को लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आवेदन जिला पदाधिकारी को देने आये थे। उनके सहयोगियों को आवेदन दे दिए हैं। दूसरे दिन डीएम से मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद से भी मिलकर अपनी समस्याएं रखेंगे।