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जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं ने की पूजा अर्चना

कटिहार। भाद्रमास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि मंगलवार को जिला मुख्यालय सहित प्रखंडों के इलाकों में महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने अपने-अपने पूजा घरों में बाल योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के अवतरण के उपलक्ष्य...

 जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं ने की पूजा अर्चना
हिन्दुस्तान टीम,कटिहारWed, 12 Aug 2020 06:05 AM
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कटिहार। भाद्रमास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि मंगलवार को जिला मुख्यालय सहित प्रखंडों के इलाकों में महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने अपने-अपने पूजा घरों में बाल योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के अवतरण के उपलक्ष्य में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सामाजिक दूरी का निर्वाह करते हुए मनाया। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों में सामूहिक रूप से पूजा अर्चना करने पर प्रतिबंध लगा दी है ।जिस कारण इस बार श्री श्री 108 श्री कृष्ण गौशाला में पुजारियों ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर पूजा अर्चना किया। वहीं मंगलवार को बनिया टोला स्थित श्री कृष्ण मंदिर में प्रतिमा स्थापित की गई। लेकिन सामाजिक दूरी का बखूबी से पालन भी किया गया। इस दौरान महिला श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर मंदिर परिसर में ही श्रद्धा के साथ खीर बनाया। जिसका भोग देर रात्रि भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष पर लगाया जाएगा। श्री कृष्ण जन्माष्टमी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए आचार्य पंडित धर्मेंद्र नाथ मिश्र ने कहा कि 16 कला से पूर्ण होकर भगवान श्री कृष्ण का अवतरण हुआ था। उन्होंने मानव रूप में आकर जो किया उसका अनुकरण मात्र करने से ही जीव का उद्धार हो जाता है। इसलिए उन्हें बालयोगेश्वर के भी नाम से जाना जाता है ।जन्माष्टमी के उपलक्ष पर संकल्प के साथ विशेष मंत्रोच्चारण के तहत पूजा अर्चना करने से साधकों की सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।

11:29 बजे रात्रि में किया रोहिणी नक्षत्र प्रवेश

आचार्य श्री मिश्र ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म कंस के कारागृह में हुआ था। इस नक्षत्र में जन्म लेकर भगवान ने दूराचारियों का अंत किया था। इसलिए श्री कृष्णा अष्टमी का व्रत करने वाले लोग रोहिणी नक्षत्र के प्रवेश करते ही भगवान का अवतरण समय मान कर हर्ष विह्वल हो गए। इस दौरान श्री कृष्ण के जयकारा से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। साथ ही आचार्य श्री मिश्र ने बताया कि बुधवार की रात्रि 1:39 तक रोहिणी नक्षत्र रहने के कारण वैष्णव संप्रदाय के लोग 12 अगस्त को भी जन्माष्टमी का उत्सव मना रहे हैं। इस वर्ष वैश्विक महामारी के कारण जिले के सार्वजनिक मंदिरों में जागरण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। जबकि श्रद्धालुओं ने इस भीषण महामारी से छुटकारा दिलाने के लिए भगवान श्री कृष्ण से कामना की। कुल मिलाकर जन्माष्टमी का उत्सव सादगी के साथ सामाजिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने मनाया।

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