ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार कटिहारसब्जियों की कीमत में वृद्धि से बिगड़ा बजट

सब्जियों की कीमत में वृद्धि से बिगड़ा बजट

सब्जियों के दाम में आयी उछाल से आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी है। भाव में अचानक इतना उछाल आया कि कम आयवाले परिवार के लिए हरी सब्जी खरीद पाना मुश्किल साबित हो रहा है। प्याज की कीमतों...

सब्जियों की कीमत में वृद्धि से बिगड़ा बजट
हिन्दुस्तान टीम,कटिहारMon, 02 Nov 2020 03:11 AM
ऐप पर पढ़ें

सब्जियों के दाम में आयी उछाल से आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी है। भाव में अचानक इतना उछाल आया कि कम आयवाले परिवार के लिए हरी सब्जी खरीद पाना मुश्किल साबित हो रहा है। प्याज की कीमतों आयी उछाल के बाद रसोई का जायका बिगाड़ कर रख दिया है।

गृहणी गौरी देवी, कविता देवी, रेणु कुमारी, पूजा देवी का मानना है कि पन्द्रह दिन पूर्व चालीस रुपये किलो बिकने वाला प्याज आज सत्तर से अस्सी रुपये किलो बाजार में उपलब्ध हो रहा है। दालों के दाम अधिक होने से पौष्टिकता पर सवाल उठने लगा है। 90 रुपये अरहर का दाल बाजार में 130 रुपये किलो बिक रहा है। आसमान छूती हरी सब्जियों की कीमत ने गरीबों के किचन से सब्जी गायब कर दिया। गरीबों के लिए सब्जी का राजा माने जानेवाला आलू एक भरोसेमंद थी आज आलू के दाम भी अपना रंग दिखाने पर उतारु है। खुदरा बाजार में आलू 35 से चालीस रुपये किलो बिक रहा है। अब लोग हरी सब्जी के बदले वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश में जुट गये हैं। बढ़ते दामों के कारण लोग महंगी सब्जी एक किलो के बदले एक पाव खरीदने कर किसी तरह कोरम पूरा करने में लगे हुए हैं। गरीब परिवार मजदूर तबके के लोग सब्जी दुकान पर जाते जरुर हैं लेकिन सब्जी के दाम सुनकर ही वैरंग वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं। सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण आमलोगों पर महंगाई की मार देखी जा रही है। सब्जियों के दामों में अचानक उछाल से आम आदमी अब सब्जियों को कम मात्रा में खरीदने पर विवश हैं।

सब्जी में तड़का लगाने के लिए प्रयोग किये जानेवाला प्यास से लेकर लौकी तक के दामों में उछाल आया है। ऐसे में आम आदमी को सब्जी खरीदने से पहले कई बार अपने पॉकेट निहारने को मजबूर होना पड़ रहा है। गृहणियों का कहना है कि आज के समय में एक सौ रुपये खर्च करने पर भी सभी सब्जी खरीद नहीं पाते हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें