आठ आरोपियों को 10 वर्ष की कैद
फास्ट ट्रैक प्रथम के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अच्यूतानंद उपाध्याय ने 26 दिसंबर 2001 को बारसोई के मनियावर गांव निवासी गोविंद शर्मा के घर में हुई भीषण डाकेजनी की। जिसमें उनके पुत्र कपिलदेव शर्मा छूरा...
फास्ट ट्रैक प्रथम के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अच्यूतानंद उपाध्याय ने 26 दिसंबर 2001 को बारसोई के मनियावर गांव निवासी गोविंद शर्मा के घर में हुई भीषण डाकेजनी की। जिसमें उनके पुत्र कपिलदेव शर्मा छूरा से जख्मी कर दिया था। इससे सम्बंधित मामले की विचारण पूरी करने के बाद मामले में लिप्त आठ आरोपी क्रमश: बिल्टू ऋषि, मो. युसूफ, गोपाल शर्मा, सुरेश शर्मा, मो. फिरोज उर्फ मानिक साह, मदन शर्मा, मो. सबल एवं मो. अख्तर को दस वर्ष की कारावास एवं दस हजार अर्थदंड की सजा सुनायी है।
अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपियों की तीन माह की अतिरिक्त निर्धारित किया गया है। अदालत के फैसला के बाद सभी आरोपियों को मंडल कारा भेज दिया गया है। घटना के बावत बतौर वादी गोविंद शर्मा ने बताया कि रात में अपने परिवार के साथ घर में सोये हुए थे और बेटा कपिलदेव बरामदे वाली कमरा में था तभी उनके घर की दरवाजा धक्का देकर खोला गया। जब वादी उठकर देखने आया तो आरोपियों ने उसे डंडा से मारना शुरू कर दिया।
इस बीच एक आरोपी की डंटा वादी पकड़ लिया तो उसके नाती को जान से मारने की बात कही गयी। भय से वादी डंडा छोड़ दिया। वादी ने आरोप लगाया था कि तकरीबन तीन की संख्या में घुसे और आंगन में अठारह लोग जमा थे। डकैती के क्रम में उसे तथा उसकी बेटी का हाथ बंाधकर मारपीट कर घर की जेवरात, बक्सा एवं सामान लुटना जारी कर दिया। वादी के बेटी सहयोग से हाथ खोलकर घर के पीछे से निकलना चाहा तो वहां कमरे में सोये ग्रामीण गणेश आकर बताया कि कमरे में कपिलदेव को छूरा मारकर जख्मी कर दिया तथा वह लहूलुहान है।
वादी ने छुपकर पहचान लिया। शोरगुल होने के बाद ग्रामीणों ने इक्कठा होकर संठी जलाकर रौशन कर दिया तो आरोपियों ने ग्रामीणों पर बम फेंका। ग्रामीण भयभीत होकर पीछे हटे तो आरोपीगण भागने में कामयाब हो गये। अदालत में अपर लोक अभियोजक रामविलास पासवान ने साक्ष्यों से घटना की पुष्टि करायी।