Hindi Newsबिहार न्यूज़Jitan Ram Manjhi Chirag Paswan clash on SC ST sub quota creamy layer reminds temple wash

SC-ST कोटा में बंटवारे पर जीतन मांझी और चिराग पासवान में बहस बढ़ी, मंदिर धुलवाने की याद दिला दी

चिराग पासवान ने जीतनराम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के प्रावधान का समर्थन कर रहे हैं, वे जब मंदिर गए थे तो उसे गंगा जल से धुलवाया गया था।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तान, पटनाThu, 8 Aug 2024 05:16 PM
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सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण में सब कैटगरी एवं क्रीमी लेयर बनाने के फैसले पर बिहार एनडीए में घमासान मचा हुआ है। दलितों की राजनीति करने वाले बिहार के प्रमुख क्षेत्रीय दल लोक जनशक्ति पार्टी और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) इस मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। HAM सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने एससी-एसटी आरक्षण में कोटा के अंदर कोटा बनाने और क्रीमी लेयर तैयार करने का समर्थन किया तो लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने उन्हें मंदिर धुलवाने की याद दिला दी। बता दें कि दोनों ही नेता अभी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

चिराग पासवान ने गुरुवार को पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने 2014 की घटना को याद दिलाते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जो मंदिर गए थे तो उनके बाहर आने के बाद मंदिर को गंगा जल से धुलवाया गया था। जब एक पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ऐसा हो सकता है, तो फिर उनसे बड़ा कौन है। उनके साथ आज की तारीख में भी छुआछूत होती है तो एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर तो क्या कोई भी प्रावधान संभव नहीं है।

76 साल से 4 जातियों ने उठाया SC आरक्षण का लाभ; चिराग से भिड़े मांझी

चिराग ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले सप्ताह आए फैसले के बाद उनकी अनुसूचित वर्ग के कई संगठनों से बातचीत हुई है। उन्होंने इस बारे में कई सांसदों से भी बात की। आने वाले दिनों में दलित समाज से आने वाले सांसदों के साथ एक सर्वदलीय बैठक की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहीं भी छुआछूत का जिक्र नहीं किया है। जबकि अनुसूचित जाति ऐसा वर्ग है जिसमें मौजूद जातियों को छुआछूत के आधार पर ही आरक्षण दिया गया था। इन जातियों को छूना और देखना तक पाप माना गया।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह आरक्षण पर अहम फैसला सुनाते हुए एससी और एसटी वर्ग में ओबीसी की तर्ज पर सब कैटगरी बनाने और क्रीमी लेयर तैयार कर आर्थिक रूप से समृद्ध लोगों को रिजर्वेशन के दायरे से बाहर करने की मंजूरी दी थी। शीर्ष अदालत के इस फैसले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष की विभिन्न पार्टियों के नेताओं के बीच मतभिन्नता खुलकर सामने आई। दलित राजनीति करने वाली चिराग की पार्टी लोजपा रामविलास ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध किया तो वहीं महादलित वर्ग को साधने वाले मांझी की पार्टी ने इसका समर्थन किया।

जब तक छुआछूत है... चिराग की LJP ने आरक्षण पर पुनर्विचार की मांग की

जीतनराम मांझी ने बीते सोमवार को कहा कि 76 सालों से चार जातियों ने ही एससी आरक्षण का लाभ लिया है। चिराग पासवान का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इन जातियों के लोग जो क्षोभ कर रहे हैं, उनके पास सबकुछ है। मगर भुइयां, मुसहर, डोम और मेहतर जैसी जातियों के कितने आईएएस और आईपीएस अफसर हैं, कितने इंजीनियर हैं, यह बताया जाए।

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