
टिकट के लिए जदयू विधायकों की होगी अग्निपरीक्षा, कई का पत्ता साफ हो सकता है; ये है पार्टी का प्लान
संक्षेप: पार्टी पिछले चुनाव लड़े अपने तमाम उम्मीदवारों के साथ संभावित उम्मीदवारों के दावों की भी गहराई से जांच कर रही है। पार्टी कई क्षेत्रों में नये चेहरों को भी अवसर देना चाहती है।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार की पार्टी जदयू अपने विधायकों के कार्यों का मूल्यांकन करेगा। इसकी योजना बन रही है। विधायकों को फिर से टिकट देने के पहले पार्टी सर्वे कराने पर विचार कर रही है। इसके तहत पार्टी अपने विधायकों की जमीनी ताकत परखेगी। यही नहीं उनके द्वारा किये गये कार्यों की भी जानकारी ली जा रही है। यदि रिपोर्ट ठीक नहीं रही तो विधायकों की आगे की राह कठिन हो जाएगी। उनका पत्ता साफ भी हो सकता है। कहा जा रहा है कि 2020 में एक बड़े और प्रभावशाली नेता के टिकट वितरण में दखल के कारण बड़ा नुकसान हुआ।
पार्टी पिछले चुनाव लड़े अपने तमाम उम्मीदवारों के साथ संभावित उम्मीदवारों के दावों की भी गहराई से जांच कर रही है। पार्टी कई क्षेत्रों में नये चेहरों को भी अवसर देना चाहती है। लिहाजा, पिछला चुनाव लड़ने वाले कई लोगों का पत्ता साफ हो सकता है। इसी तरह एक-एक सीट पर कई संभावित उम्मीदवार भी तैयार हैं। इनकी भी स्क्रीनिंग हो रही है। पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 115 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 43 को ही जीत मिली थी। शेष उम्मीदवारों की हार हुई थी। बाद में बसपा के जमा खान और लोजपा के राजकुमार सिंह ने जदयू की सदस्यता ले ली। इस प्रकार पार्टी के विधायकों की संख्या 45 हो गयी।
पार्टी को वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव की अपेक्षा 28 सीटों और डेढ़ फीसदी वोटों का नुकसान हुआ था। पार्टी मानती है कि पिछली बार टिकटों के बंटवारे में भी कुछ गड़बड़ हो गयी। उस समय के एक बड़े व प्रभावशाली नेता के कारण कुछ गलत उम्मीदवारों का चयन हो गया। हालांकि ये बड़े नेता अब पार्टी में नहीं हैं। लेकिन, उनके कारण गलत उम्मीदवारों के चयन से भी पार्टी को अच्छा-खासा नुकसान हुआ। इन्हें बगैर किसी स्क्रीनिंग के ही टिकट मिल गया। ऐसे लोगों को इस बार टिकट नहीं मिल पाएगा।





