
जदयू अब बड़ा भाई नहीं रहा; नीतीश के बराबर खड़ी हो गई भाजपा; दोनों इस बार 101-101 सीट लड़ेंगे
संक्षेप: बिहार एनडीए में अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का बड़ा भाई का दर्जा छिन गया है। विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे में भाजपा और जेडीयू दोनों 101-101 सीटें लड़ेगी। चिराग पासवान 29 सीट, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को 6-6 सीट मिली है।
जेबिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार चला रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अब अलायंस बड़ा भाई नहीं रही। विधानसभा चुनाव में जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक बराबर 101-101 सीट लड़ेगी। बड़ा भाई और छोटा भाई को लेकर कोई औपचारिक बात कभी नहीं थी, लेकिन विधानसभा के चुनाव में हमेशा नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा से कुछ ज्यादा सीटें लड़ती थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू 115 सीटों पर लड़ी थी जबकि बीजेपी 110 सीटों पर। बाकी तीन सहयोगी नेता चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को 41 सीटों में मना लिया गया है।

बिहार एनडीए के सीट बंटवारे में बीजेपी और जेडीयू की 101-101 सीटों के अलावा चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी - रामविलास (एलजेपी-आर) को 29 सीट मिली है, जो दिखाती है कि उन्होंने मोलभाव में अपना काम ठीक से निकलवा लिया है। जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 6-6 सीट से संतोष करना पड़ा है।
संजय झा की लिस्ट में JDU पहले; भाजपा नेताओं, चिराग और कुशवाहा की लिस्ट में BJP पहले
सीट बंटवारे की घोषणा सबसे पहले जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने ट्वीट के जरिए की और उसी मैटर को उनके बाद चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा के अलावा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और तमाम भाजपा नेताओं ने भी पोस्ट कर दिया। इसमें मजेदार यह है कि संजय झा ने लिस्ट में जेडीयू का नाम बीजेपी से ऊपर लिखा है, लेकिन बीजेपी के नेताओं समेत चिराग और कुशवाहा ने लिस्ट में बीजेपी का नाम ऊपर और जेडीयू का नाम नीचे लिखा है।
मांझी-कुशवाहा की नहीं चली, दोनों 6-6 पर सेट; बिहार NDA में 29 सीट के साथ चिराग फिर सिकंदर
नीतीश कुमार 2015 का विधानसभा चुनाव लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़े थे। तब जेडीयू और राजद बराबर 101-101 सीट लड़ी थी और कांग्रेस 41 सीट। इस बार एनडीए में दोनों बड़े दलों के बीच वैसा ही बंटवारा हुआ है और बची हुई 41 सीटों में बाकी सहयोगी दलों को एडजस्ट कर लिया गया है। 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू 141 और बीजेपी 102 सीटों पर लड़ी थी, जब एनडीए को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली थी। तब जेडीयू 115 सीट और बीजेपी 91 सीट जीत गई थी। 37 सीट में विपक्ष और निर्दलीय सिमट कर रह गए थे।
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2005 में फरवरी और अक्टूबर दो बार चुनाव हुए थे। अक्टूबर वाले चुनाव में जेडीयू 139 सीट लड़ी थी जबकि बीजेपी 102 सीट। यही वो चुनाव था जब बिहार में एनडीए की बहुमत सरकार पहली बार बनी थी। फरवरी 2005 के चुनाव में जेडीयू 138 और बीजेपी 103 सीट पर लड़ी थी। नीतीश 2000 के चुनाव में खुद की बनाई समता पार्टी से लड़े थे और 2003 में समता पार्टी, शरद यादव की अगुवाई वाले जनता दल और रामकृष्ण हेगड़े की लोक शक्ति को मिलाकर जेडीयू का गठन हुआ था। जेडीयू बनने से अब तक विधानसभा के चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी बीजेपी से ज्यादी सीटों पर लड़ती रही थी और इसलिए राजनीतिक बोलचाल में जदयू को बड़ा भाई भी कहा जाता था।





