कोई वजूद नहीं, उड़ कर कभी यहां कभी वहां; PK ने किसे कहा फ्रीलांसर नेता? तेजस्वी को भी ललकारा
बीपीएससी छात्रों के आन्दोलन पर राजनीति की रोटी सेकने और उन्हें पुलिस से पिटवाने का आरोप लगाने पर प्रशांत किशोर ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को करारा जवाब दिया है। जन सुराज के नेता ने पूर्णिया सांसद को फ्रीलांसर नेता करार दिया है।

बीपीएससी छात्रों के आन्दोलन पर राजनीति की रोटी सेकने और उन्हें पुलिस से पिटवाने का आरोप लगाने पर प्रशांत किशोर ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को करारा जवाब दिया है। जन सुराज के नेता ने पूर्णिया सांसद को फ्रीलांसर नेता करार देते हुए कहा है कि उनका अपना कोई वजूद नहीं है। पीके ने कहा कि मीडिया का ध्यान बटोरने के लिए कुछ बोलते रहते हैं। ऐसे नेताओं को जवाब देने की जरूर नहीं है। प्रशांत किशोर ने तेजस्वी के आरोपों का भी जवाब दिया और कहा कि पटना में बैठे रहे पर घायल छात्रों को देखने भी नहीं पहुंचे। कहा कि मुझे इनके नेतृत्व का कोई शौक नहीं है। वे ही आगे आएं हम उनसे पीछे चलेंगे। बीपीएससी अभ्यर्थियों के आन्दोलन पर सियासत ने पूरी रफ्तार पकड़ लिया है।
रविवार को बीपीएससी छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद प्रशांत किशोर सोमवार को गुस्से में दिखे। शेखपुरा स्थित पार्टी कार्यालय में मीडिया कर्मियों को संबोधित करत हुए जन सुराज के नेता ने कहा कि कुछ लोगों को अपना कोई वजूद नहीं है। कहीं कुछ ट्रबल हुआ तो पहुंच गए और मीडिया का तबज्जो हासिल करने के लिए कुछ बोलने लगे। उनका ना कोई दल है ना कोई विचारधारा। उनका कोई वजूद भी नहीं है। उड़कर कभी यहां जाते हैं कभी वहां पहुंच जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के सवाल का जवाब देना जरूरी नहीं है। पीके ने पप्पू यादव को फ्रीलांसर नेता बताया।
उन्होंने तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि प्रशांत किशोर अगर भाग गए तो वे क्यों नहीं आए। वे भी पटना में अपने बंगले में बैठे थे। लेकिन घायल छात्रों से अस्पताल में मिलने भी नहीं आए। प्रशांत किशोर बाहर से बैठकर ट्वीट नहीं करता बल्कि जो कहता है वह करता है। उन्होंने तेजस्वी यादव से कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है बल्कि राजनैतिक दल का दायित्व समझते हुए छात्रों की मांग मनवाने के लिए पूरी ताकत का इस्तेमाल करने की जरूरत है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि छात्रों के आन्दोलन में पहले तेजस्वी यादव गए फिर पप्पू यादव पहुंचे। वे ही नेतृत्व करते और मैं उनके पीछे चलता। मुझे नेतृत्व की चिंता नहीं है। ये लोग पटना में बैठे हैं। आकर नेतृत्व ले लें। तेजस्वी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी में रहते हुए भी छात्रों की मदद के लिए अस्पताल नहीं पहुंचे।
कंबल के मुद्दे पर नोकझोंक और विरोध के सवाल पर कहा कि कुछ कांग्रेस के नेताओं की साजिश है। लेकिन में छात्रों की बातों का बुरा नहीं मानता। जन सुराज हमेशा उनके साथ है। आरोप लगाया कि बीपीएससी की सीटों का सौदा हो गया है इसलिए परीक्षा रद्द करने से सरकार और बीपीएससी पीछे हट रही है।