आदिवासी समाज की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा
चकाई में आदिवासी समाज की बैठक हुई जिसमें अतिक्रमण की घोर निंदा की गई। बैठक में सरकार से मांग की गई कि आदिवासियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया जाए। आदिवासी युवा इस मुद्दे पर एकजुट होकर लंबी लड़ाई...

चकाई। प्रखंड कार्यालय कैंपस स्थित अंबेडकर प्रतिमा स्थल के समीप रविवार को आदिवासी समाज की एक बैठक शिवलाल हेंब्रम की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में प्रखंड के पोझा पंचायत अंतर्गत चिहरा एवं बेहरा में जबरन सरकार द्वारा आदिवासियों के रसीद कट रहे जमीन पर मनमाने तरीके से अतिक्रमण की घोर निंदा की गई। बैठक में सरकार से मांग किया गया कि प्रकृति अधिकार के तहत जो आदिवासी प्राकृतिक रूप से जिस जमीन पर वर्षों से बसा हुआ है वह प्राकृतिक रूप से उसका मालिक है। वन विभाग आदिवासी क्षेत्रों में ही अतिक्रमण क्यों कर रहा है। 2006 वन अधिकार अधिनियम के तहत जिस जंगल की जमीन पर वर्षों से खेती करते आ रहे हैं वह जमीन के मालिकाना हक रखते हैं। इस बैठक में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के युवक मौजूद थे। मौके पर पृथ्वीराज हेंब्रम ने कहा कि अंचल कार्यालय और वन विभाग आदिवासियों को परेशान करने में लगा हुआ है। जिस जमीन पर आदिवासी वर्षों से खेती करते आ रहे हैं और रसीद कटाते आ रहे हैं। उस जमीन को हड़पने की साजिश चल रही है जिसे आदिवासी समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ेगा। मौके पर डा. जगजीवन मुर्मू, अलेक्स मरांडी, किसुन हेंब्रम, शिबू सोरेन, जूलियस हेमब्रम, विनोद सोरेन, बबलु हांसदा, नारायण सोरेन, महेश हेंब्रम, राजेश हासदा सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।
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