चरकापत्थर क्षेत्र में नित्य लिखी जा रही विकास की नई इबारत
चरकापत्थर क्षेत्र में नित्य लिखी जा रही विकास की नई इबारत चरकापत्थर क्षेत्र में नित्य लिखी जा रही विकास की नई इबारत

सोनो, निज संवाददाता। चरकापत्थर थाना क्षेत्र जहां नक्सलियों के सुगबुगाहट के साथ सदी के शुभारंभ हुआ ,और फिर देखते ही देखते क्षेत्र में उसका साम्राज्य कायम हो गया। क्षेत्र का भौगोलिक बनाबट उर्वरा का काम करता रहा जिसके बजह से नक्सलियों का यह साम्राज्य डेढ़ दशकों तक बेरोकटोक फलता फूलता रहा। नक्सलियों के आहट के साथ ही क्षेत्र में विकास की पहिया भी थम सी गई थी। क्षेत्रों में सरकारी तंत्र विफल साबित होने लगी, लोकतांत्रिक व्यवस्था अंतिम सांसे गिनने रही थी। मतदान के दौरान मतदाता घरों से नहीं निकला करते थे। क्षेत्र में नक्सलियों की समानांतर सरकार चला करती थी।यहाँ के लोगों की जान माल की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही थी। क्षेत्र की आवादी नक्सलियों के रहमो करम पर जिया करते थे। चरकापत्थर क्षेत्र की पहचान लाल गलियारे के रूप में होने लगी। जिसका परिणाम यह हुआ कि क्षेत्र के प्रबुद्ध सम्पन्न व व्यवसायिक वर्गों का क्षेत्र से पलायन शुरू हो गया। लगभग डेढ़ दशक तक नक्सलियों के समानांतर साम्राज्य में क्षेत्र का विकास हासिये पर चला गया।क्षेत्र में लगातार बेरोजगारी,भुखमरी बढ़ने लगी। भुखमरी व बेरोजगारी के समस्या से जूझ रहे लोगों का धीरे धीरे नक्सलियों से मोह भंग होना शुरू हो गया। धीरे-धीरे परिस्थितियां बदलनी शुरू हुई और ढेड़ दशक तक पूर्ण रूप से नक्सल शिकंजा के जकड़ा रहा यह क्षेत्र,1 दशक पूर्व से बदलाव बयार धीरे धीरे सिसकने लगा। लोग क्षेत्र के विकास के प्रति जागरूक होने लगे, जिसका परिणाम यह हुआ कि अब वही चरकापत्थर क्षेत्र में विकास की नित्य नई इबारत लिखी जा रही है। क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क,बिजली स्कूल समेत अन्य सुविधाएं लोगों को मुहैया होने लग गई है। सरकार की जनकल्याणकारी व विकास योजनाएं धरातल पर दिखने लगी है। लोगों को रोजगार के अवसर मिलना शुरू हो गया जिससे बेरोजगारी भुखमरी जैसे समस्या का हल दिखने लगा है। क्षेत्र में बिजली के अभाव में चरकापत्थर बाजार समेत क्षेत्र के प्राय: गांवों में शाम होते ही धुप्प अंधेरा के कारण वीरानगी छाई रहती थी।अब चरकापत्थर में विधुत उप केंद्र स्थापित कर दी गई है।उप केंद्र के स्थापना के साथ ही सुदूर व जंगली गांव भी रात भर रौशनी का जगमगाहट से रौशन रहती है। 24 घंटे बिजली के उपलब्धता के बाद अब बिजली आधारित कुटीर उद्योग व गृह उद्योग के माध्यम से लोग स्वरोजगार से जुड़ रहें है, तो वहीं क्षेत्र के किसान बिजली मोटर पंप से सिंचाई कर कृषि के क्षेत्र में भी उन्नति व तरक्की कर रहे हैं। क्षेत्र में शिक्षा की टिमटिमाती लो को बुझाने के उद्देश्य से कभी चरकापत्थर मिडिल स्कूल को नक्सलियों के जेसीबी से ध्वस्त कर दिया था, आज हाई स्कूल, प्लस-टू हाई स्कूल समेत अन्य मिडिल व प्राइमरी स्कूल के भवनों की ऊंची ऊंची इमारते इस क्षेत्र में जलते शिक्षा की लो की कहानी बयां कर रही है।एक समय था जब नक्सलियों के भय से स्कूलों में न तो शिक्षक की उपस्थिति थी न ही छात्र छात्राओं की अब इस क्षेत्र में समय से स्कूल की घण्टी भी बजती है और स्कूल में शत प्रतिशत शिक्षक व छात्र छात्रा भी उपस्थित होते हैं। चारों ओर नदियों से घिरा चरकापत्थर क्षेत्र के लोगों को कई नदियां लांघ कर अपने गंतव्यों तक जाना पड़ता था । यातायात के कोई संसाधन नही रहने के कारण यह क्षेत्र प्रशासन के पहुंच से भी काफी दूर था लेकिन परिस्थितियां बदली और क्षेत्र के सभी नदियों पर पुल पुलिया के निर्माण हो जाने व क्षेत्र के गांव गांव में पक्की सड़क की जाल बिछ जाने के बाद यहाँ के लोगों को सुगम यातायात की व्यवस्था सुलभ हो गई है। आवागमन के सुलभ संसाधन के साथ ही क्षेत्र में प्रशासनिक गतिविधियां तेज हुई जिससे क्षेत्र में विकास की पहिया तेजी से दौड़ने लगा। चरकापत्थर क्षेत्र में उद्योगपतियों ने भी अपनी रुचि दिखाई है। कई उद्योगपतियों से बात चल रही है।उस क्षेत्र में उद्योग के स्थापना के साथ ही बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिये रोजगार के असमी संभावनाओं के द्वार खुल जायेंगे। साथ ही चरकापत्थर क्षेत्र के लाइफ लाइन कहे जाने बरनार नदी के सोनो- चुरहैत घाट के क्षतिग्रस्त काजवे के बगल में उच्च स्तरीय आरसीसी पुल के टेंडर प्रक्रिया सम्पन्न हो कर लिया गया अगले वर्ष निर्माण कार्य शुरू कर नियत समय पर कार्य पूरा कर लिया जायेगा। यह आरसीसी पुल चरकापत्थर क्षेत्र के विकास में मिल का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि चरकापत्थर क्षेत्र समेत पूरे चकाई विधानसभा क्षेत्र के विकास का रोडमैप तैयार है अगले वर्ष करोड़ों की विकास योजनाओं को धरातल पर उतार कर क्षेत्र के विकास के गति को ओर भी तेज किया जायेगा। किसानों के खेतों में सिंचाई संसाधन उपलब्ध कराने के लिये करोडों की लागत से सैकड़ों आहार पोखर का निर्माण कार्य शुरू होगा जिसकी निविदा निकाली जा चुकी है टेंडर की प्र्त्रिरया चल रही है ।
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