लोह पुरूष सरदार सरदार वल्लभभाई कि 148 वी जयंती मनाई गईं
लोह पुरूष सरदार सरदार वल्लभभाई कि 148 वी जयंती मनाई गई लोह पुरूष सरदार सरदार वल्लभभाई कि 148 वी जयंती मनाई...

चकाई, निज संवाददाता
चकाई में नीजी विधालय माँ ललिता प्ले स्कूल में भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 148वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य डॉ धर्मेंद्र सिन्हा ने कहा हम हर भारतीय को सरदार वल्लभभाई के रास्ते पर चलने की जरूरत है। सरदार पटेल ने अपनी बोर्ड परीक्षा1896 में उत्तीर्ण किए ।वे बेहद ही विद्वान थे। पटेल जी भारतीय बैरिस्टर और राजनेता थे और कांग्रेस के मुख्य नेता थे।1917 में गांधी जी के सम्पर्क में आए और देश की आजादी में गांधी जी के साथ कूद पड़े और गांधी जी के सभी आन्दोलनों में वे बढ़ चढ़कर हिस्सा लिये और 1920ई के असहयोग आंदोलन में विदेशी वस्तुओं व वस्त्रों का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी वस्तुओं व वस्त्रों का देश वासियों से अपील किए ।1945-46तक वे कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी रहे और 15अगस्त 1947 को जब 200 वर्षों की निर्मम यातना सहने के बाद देश आजाद हुआ तो 562रियासतों के साथ हैदराबाद; जोधपुर; जूनागढ़ और कश्मीर को भारत में विलय करने के लिए इन्होंने बहुत ही कुशलता और दक्षता पूर्ण राजनयिकता के साथ प्रलोभन और दबाव का प्रयोग करते हुए सभी रियासतों को भारत में विलय कराये और जब वे देश के प्रथम गृह मंत्री थे तो उन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं आईसीएस का भारतीय करण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं आईएएस बनाया।ये देश के सच्चे सपूत और देश भक्त थे। वहीं स्कूल की उप प्राचार्या सीमा कुमारी ने कही की सरदार वल्लभ भाई पटेल जी कहा करते थे कि कठिन समय में कायर बहाना ढूंढ़ते हैं! बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते हैं साथ ही इनका मानना था कि हम सबों को ऊंच-नीच; अमीर -गरीब और जातिप्रथा के भेदभाव को समाप्त कर देनी चाहिए क्योंकि गरीबों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है इसके साथ ही इनकी यादों को ताजा रखने के लिए अहमदाबाद के शाही बाग में सरदार वल्लभ भाई पटेल मेमोरियल सोसाइटी में पटेल जी का थ्री डी संग्रहालय तैयार किया गया है जो हर भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है।
