RTI Demand Leads to Legal Trouble in Lakshmipur School Case आर टी आई मांगते हैं तो किसी केश में आरोपित होने के लिए रहिए तैयार, Jamui Hindi News - Hindustan
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आर टी आई मांगते हैं तो किसी केश में आरोपित होने के लिए रहिए तैयार

लक्ष्मीपुर के उत्क्रमित उच्च विद्यालय पीडरोन में आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले निरंजन कुमार पर जबरन विद्यालय में प्रवेश करने और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया गया है। स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईTue, 31 Dec 2024 01:30 AM
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आर टी आई मांगते हैं तो किसी केश में आरोपित होने के लिए रहिए तैयार

आर टी आई मांगते हैं तो किसी केश में आरोपित होने के लिए रहिए तैयार आर टी आई मांगते हैं तो किसी केश में आरोपित होने के लिए रहिए तैयार

मामला लक्ष्मीपुर के उत्क्रमित उच्च विद्यालय पीडरोन से संबंधित

आर टी आई के तहत जानकारी देने के बदले आवेदक जबरन स्कूल में प्रवेश कर अभद्र व्यवहार करने का लगाया आरोप

लक्ष्मीपुर, निज संवाददाता

सूबे की नीतीश सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाने के लिए आम आदमी को सूचना का अधिकार दिया है।लेकिन आज की तिथि में सूचना का अधिकार टांय टांय फीस होकर रह गया।हां इतना जरूर है कि किसी मामले में आरोपित होना है तो किसी के विरुद्ध आरटीआई का आवेदन दीजिए।। ऐसा ही मामला प्रखंड के उत्क्त्रमित उच्च विद्यालय पीडरोन में देखा गया।जानकारी के अनुसार निरंजन कुमार ने सूचना के अधिकार के तहत लोक सूचना पदाधिकारी सह उत्क्त्रमित उच्च विद्यालय पिंडरोन के प्रभारी प्रधानाध्यापक चंदन कुमार रावत से उसके नियुक्ति को लेकर कुछ जानकारी की मांग किया। ।मांगी गई सूचना में प्रभारी चंदन कुमार रावत का नियुक्ति का वर्ष,वे किस विषय से टेट परीक्षा पास किए, उनकी नियुक्ति किस विषय में हुआ और विभाग ने किस विषय में नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति निकाला था,अपने नियुक्ति के बाद वर्ष 2019 _20 में प्रभारी चंदन कुमार रावत ने किस किस विद्यार्थी के बीच छात्रवृति का वितरण किया था शामिल किया था।ये मांग निरंजन ने लोक सूचना पदाधिकारी सह प्रभारी प्रधानाचार्य चंदन कुमार से विहित प्रपत्र के द्वारा मांग किया था। जिसकी जानकारी आवेदक निरंजन कुमार ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तारकेश्वर मिश्रा लक्ष्मीपुर को दिया।लेकिन समय समाप्त हो जाने के बाद आज की तिथि तक निरंजन कुमार को वांक्षित जानकारी नहीं दिया गया।हां प्रभारी चंदन ने इतना जरूर किया कि विद्यालय में जबरन प्रवेश कर विद्यालय की संचिका से छेड़ छाड़ करने और शिक्षक उपस्थिति पंजी का फोटो लेने का आरोप निरंजन कुमार पर लगाकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को सूचित किया।सूचना के आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जांच का आदेश दिया।प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने विद्यालय जाकर मामले का जांच भी किया।लेकिन जांच रिपोर्ट का खुलासा करने से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तारकेश्वर मिश्रा ने नहीं किया।

रेल: नए साल में जिले की धरती पर कई मेगा परियोजनाओं के उतरने की है आशा

जमुई जिले की महत्वाकांक्षी तीन बड़ी रेल परियोजनाओं को मिली है रेल मंत्रालय की हरी झंडी

झाझा-बटिया के अलावा नवादा-लक्ष्मीपुर एवं साथ ही बरियारपुर-मननपुर नई रेल लाइन परियोजनाएं अब धरातल पर उतरेंगी

जमुई सांसद के लोस में पूछे गए अतारांकित प्रश्न के जवाब में रेलमंत्री ने दी जानकारी

झाझा, निज संवाददाता

रेल के नजरिए से जमुई जिले के लिए गुजरता साल भी अन्य सालों की ही तरह मोटे तौर पर निराशाजनक ही रहा है। जिले के दो स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन होने का गौरव जरूर हासिल हुआ है। किंतु,इसके अलावा जिलावासियों के पास गिनाने-बताने को शायद ऐसा कुछ नहीं रहा है। अलबत्ता,गुजरते साल की निराशा के भंवर से निकल कर नया साल अपने पिटारे में काफी कुछ सुखद आशाएं लेकर आता दिख रहा है। दस्तक देते नए साल में रेल की तीन मेगा परियोजनाएं जमुई जिले की धरती पर आकार लेती नजर आ सकती हैं। उक्त मेगा,या कहें ऐतिहासिक योजनाओं की बावत खुलासा खुद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा संसद में किए जाने की बात सामने आई थी। रेलमंत्री ने उक्त जानकारी जमुई के सांसद अरूण भारती द्वारा लोस में पूछे गए अतारांकित प्रश्न सं.446 के संदर्भ में बीते 24 जुलाई को सदन के पटल पर दी थी। उन्होंने सांसद श्री भारती को बताया था कि भारतीय रेल के दिल्ली-हावड़ा रूट पर किऊल-झाझा रेलखंड पर स्थित जमुई रीजन में रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के उद्येश्य से तीन और नई रेल लाइन परियोजनाओं,मसलन बरियारपुर-मननपुर (68 किमी,लागत 250 करोड़ रूपए),नवादा-लक्ष्मीपुर (137 किमी,लागत 3120 करोड़ रूपए) तथा झाझा-बटिया (20 किमी,लागत 496 करोड़ रूपए) को स्वीकृति दी जा चूकी है। इतना ही नहीं,झाझा से डीडीयू जं.तक के बीच 3री एवं 4थी नई रेललाइन बिछाए जाने की एक अन्य काफी बड़ी परियोजना भी रेल मंत्रालय के स्तर पर स्वीकृति के मुकाम पर होने की बात बताई जाती है। तीसरी व चौथी नई रेल लाइन बिछने से हावड़ा-नई दिल्ली,बरास्ता झाझा रेल रूट पर टे्रनों की संख्या व उनकी रफ्तार भी बढ़ने के अलावा रेल संचालन काफी सुगम व सुचारू हो सकेगा। इस बीच बात यदि गुजरते साल की करें तो इसमें जिले के दो स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन होने के गौरव की इकलौती सौगात को छोड़ दें,तो जिले में रेल के विकास संबंधी अन्य कोई बड़े काम होना तो दूर,जमुई-झाझा में जिन टे्रनों के ठहराव की अर्से से लोग बाट जोहते रहे हैं,टे्रनों के ठहराव की उक्त सौगात भी नसीब नहीं हो पाती दिखी। यहां तक कि विद्यार्थी एवं मजदूर तबके की लगातार गुहार के बावजूद झाझा में अंग एक्सप्रेस तक के ठहराव को भी अब तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है। बता दें कि झाझा से बड़ी तादाद में मजदूर एवं स्टूडेंट्स क्रमश:मजदूरी एवं उच्च शिक्षा को बंगलुरू जाते हैं। पर,झाझा में अंग एक्सप्रेस का ठहराव नहीं होने से उन्हें जसीडीह या किऊल जाकर टे्रन पकड़नी पड़ती है।

परियोजनाएं सरजमीं पर उतरने से जिले के कई प्रखंड पहली बार नजर आ सकेंगे रेल के मानचित्र पर:

जिले में रेल के विकास के पहलू पर जिलावासी बड़े ही चुटीले अंदाज में बताते हैं कि आजादी के जितने साल हो चूके हैं,जमुई जिले का लगभग उतना फीसद हिस्सा आज भी रेल के मानचित्र से कटा हुआ है। बहरहाल,उक्त मेगा प्रोजेक्टों को रेल मंत्रालय की हरी झंडी मिल जाने के बाद जिले के लिए अभिशाप या अफसोसजनक बना उक्त सच अब आने वाले चंद सालों में ही शायद इतिहास बन जाएगाा। और....स्थिति शायद बिल्कुल उलट होगी। यानि,फिर आजादी के जितने साल हो चूके,जिले के कम से कम उतने भूभाग के लोग रेल वाले होंगे।

रेलमंत्री ने परियोजनाओं को तेजी से पूरा कराने का भी दिया था भरोसा:

रेलमंत्री श्री वैष्णव ने सांसद श्री भारती को रेल परियोजनाओं को तेजी से पूरा कराने का भी भरोसा देते हुए बताया था कि परियोजनाओं के प्रभावकारी एवं तेजी से क्रियांवयन को ले भारत सरकार ने गति शक्ति निदेशालय की स्थापना,परियोजनाओं की प्राथमिकाएं,फंड का समुचित आवंटन,पॉवर का फील्ड स्तर तक विकेंद्रीकरण,परियोजनाओं की विभिन्न स्तरों पर मॉनिटरिंग तथा इनके शीघ्रतापूर्ण क्रियांवयन के दृष्टिकोण से जमीन अधिग्रहण से ले वन एवं वन्यजीव संबंधी क्लियरेंस आदि को ले राज्य सरकार एवं अन्य संबंधित ऑथोरिटी से नियमित संवाद व समंवय जैसे कदम उठाए गए हैं।

जिले में काफी बढ़ जाएगी रेल की कनेक्टिविटी,जिले के विकास को मिलेगी नई रफ्तार

बरियारपुर-मननपुर नई रेललाइन से जिलेवासियों को भागलपुर,मुंगेर को मिल जाएगा शॉर्ट रूट वाला वैकल्पिक मार्ग

बताने की जरूरत नहीं कि उक्त महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के जिले की सरजमीं पर उतरने के बाद आजादी के बाद से लेकर अब तक भी रेल से कटे कई इलाके रेल के मानचित्र पर आ जाएंगे। उक्त तीन मेगा परियोजनाओं से रेल से वंचित जिले के तीन अविकसित इलाकों को रेल की कनेक्टिीविटी नसीब हो जाएगी। इनमें झाझा-गिरिडीह प्रोजेक्ट के प्रथम चरण के तहत जहां झाझा से सोनो होते हुए बटिया तक के गांव रेल से ुड़ जाएंगे। तो,उधर लक्ष्मीपुर-नवाा ई रेललाइन से जमुई समेत तीन जिलों के बीच रेल नेटवर्क उपलब्ध होगा। वैसे तो उक्त तीनों ही प्रोजेक्ट जिले के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। साथ ही जिलावासियों को रेल की मुख्य धारा से जोड़ने एवं उन्हें विकास की नई रफ्तार पकड़ाने वाले प्रोजेक्ट साबित होंगे। किंतु इनमें 68 किमी लंबाई वाली बरियारपुर-मननपुर नई रेललाइन परियोजना शायद एक गेमचंजर परियोजना साबित हो सकती है। बता दें कि उक्त परियोजना के पूर्ण होने पर आसनसोल से लेकर झाझा,जमुई तक के लोगों को भागलपुर या फिर जमालपुर,मुंगेर आदि को आवाजाही के लिए एक वैकल्पिक और कम दूरी व समय वाला मार्ग मयस्सर हो जाएगा। वर्त्तमान में उन स्थानों के लिए लोगों को किऊल से रूट बदल कर फिर भागलपुर वाली लूप लाइन के जरिए जाना होता है।

क्या कहते है सांसद

जमुई जिले से जड़ी तीन काफी बड़ी परियोजनाओं को रेल मंत्रालय की स्वीकृति नसीब हो चूकी है,जल्द ही इनके कार्यांवयन की कवायद भी शुरू हो जाएगी। ये ऐतिहासिक परियोजनाएं जिले के विकास में वरदान साबित होंगी। अब तक भी रेल से वंचित इलाके रेल मानचित्र पर आ जाएंगे। इसके अलावा ‘हिन्दुस्तान द्वारा जिले में रेल संबंधी जो भी विकास या समस्याओं की बात संज्ञान में लाई गई हैं,उक्त की बावत भी मेरा अधिकतम प्रयास रहेगा।- अरूण भारती,सांसद,जमुई लोस क्षेत्र

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