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जमुई में नदियों और घाटों के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा

जिले के नदियों और घाटों का अस्तित्व संकट में है। नदियों और घाटों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए कोई पहल नहीं हो रही है। जिसके कारण नदियों और घाटों के अस्तित्व पर ग्रहण लगा है। जिले में किउल सबसे बड़ी...

जमुई में नदियों और घाटों के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा
हिन्दुस्तान टीम,जमुईTue, 06 Jun 2017 11:59 PM
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जिले के नदियों और घाटों का अस्तित्व संकट में है। नदियों और घाटों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए कोई पहल नहीं हो रही है। जिसके कारण नदियों और घाटों के अस्तित्व पर ग्रहण लगा है। जिले में किउल सबसे बड़ी नदी है। इसे अलावा पांच छोटी-छोटी नदियां भी है। आंजन, सुखनर, बरनार समेत अन्य नदियां बर्षा के पानी पर ही निर्भर है। पहले इन नदियों में पानी रहता था लेकिन विगत दो दशक से नदियों में पानी नहीं दिखता है। नदियों से खिलवाड़ हो रहा है। जिसके कारण नदियों की हालत खराब है। इन नदियों में बने घाटों का रखरखाव भी नहीं हो रहा है। घाटों के समीप पानी नहीं रहने के कारण लोगों को अधिक परेशानी हो रही है। प्रमुख घाटों के रखरखाव पर नहीं दिया जा रहा ध्यान: जिले में कई प्रमुख घाट हैं। इन घाटों के समीप दर्शनीय और पौराणिक स्थल हैं। कई पुराने मंदिर हैं। करीब एक दशक पहले प्रशासन की और से जिले में कई घाट बनाए गए लेकिन उस पर फिर ध्यान नहीं दिया गया। शहर से सटे किउल नदी के समीप पत्नेश्वर घाट है। घाट के समीप ही ऐतिहासिक और पौराणिक पत्नेश्वर मंदिर है। इसके अलावा कल्याणपुर, त्रिपुरारी सिंह घाट का एक अलग ही महत्व है। सभी घाटों का निर्माण ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के समीप कराई गई थी। पहले इन घाटों के समीप सालों भर पानी र हता था। श्रद्धालु नदियों में बने घाटों पर जाकर न सिर्फ स्नान करते थे बल्कि आसपास के किसान घाटों में जमा पानी से खेतों को भी सिंचित करते थे। पत्नेश्वर घाट के अलावा अन्य घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु छठ पर्व के अवसर पर जमा होते हैं। कार्तिक में तो थोड़ा पानी घाटों पर दिखता है लेकिन चैती छठ के समय श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है। डीजल पंप सेट चालू कर इन घाटों में पानी जमा किया जाता है। अवैध बालू की निकासी से नदियों की स्थिति हुई है खराब: जमुई के सभी नदियों से बालू उठाव पर रोक लगा हुआ है। लेकिन प्रतिदिन प्रशासन के नाक के नीचे बालू का उठाव अवैध ढ़ंग से हो रहा है। गरसंडा घाट के समीप से प्रतिदिन रात के समय जेसीबी लगाकर बालू का उठाव होता है। यदा-कदा इन बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर खानापूर्ति करती है। नदियों से प्रतिदिन बालू का उठाव हो रहा है। जिला मुख्यालय से ही रात के समय लगातार बालू से लदे ट्रक गुजरते हैं। यह भी बता दें कि जिन सड़क से बालू से भरा ट्रक जाता है। उस सड़क पर ही डीएम, एसपी सहित अन्य वरीय अधिकारियों का आवास है।

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