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सदर अस्पताल में नहीं हैं रेडिएशन सुरक्षा

सदर अस्पताल में रेडिएशन सेफ्टी की समुचित व्यवस्था नहीं है हालांकि सदर अस्पताल में संचालित एक्सरे रूम में रेडिएशन का किरण बाहर नहीं जाए इसके लिए पर्दा लगा हुआ है। साथ ही एक्सरे टेक्निशियन एक्सरे करने...

सदर अस्पताल में नहीं हैं रेडिएशन सुरक्षा
हिन्दुस्तान टीम,जमुईWed, 31 Jul 2019 12:10 AM
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सदर अस्पताल में रेडिएशन सेफ्टी की समुचित व्यवस्था नहीं है हालांकि सदर अस्पताल में संचालित एक्सरे रूम में रेडिएशन का किरण बाहर नहीं जाए इसके लिए पर्दा लगा हुआ है। साथ ही एक्सरे टेक्निशियन एक्सरे करने के समय लेदर का एप्रन पहनते हैं। तब ही किसी का एक्सरे करते हंै।

साथ ही एक्सरे रूम के समीप से उनके परिजनों या फिर आम व्यक्ति को वहां से हटा दिया जाता है। लेकिन फिर भी जो मानव रेडिएशन सेफ्टी होना चाहिए वह समुचित नहीं है।उक्त बातें सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. सैयद नौशाद अहमद ने कहीं। उन्होंने बताया कि मानक के अनुसार कार्य करने के लिए विभाग द्वारा नोटिस किया गया है। जल्द ही रेडिएशन की सेफ्टी की व्यवस्था किया जाएगा।

क्या है रेडिएशन :बताया जाता है कि भौतिकी में प्रयुक्त विकिरण ऊर्जा का एक रूप है जो तरंगों या किसी परमाणु या अन्य निकाय द्वारा उत्सर्जित गतिशील उप परमाणुविक कणों के रूप में उच्च से निम्न ऊर्जा अवस्था की ओर चलती है। विकिरण को परमाणु पदार्थ पर उसके प्रभाव के आधार पर या विआयनीकारक के रूप में वर्गीकृत किया जाता सकता है।

रेडिएशन से हो सकते हंै कई खतरनाक नुकसान :सदर अस्पताल उपाधीक्षक बताते हंै कि हम हर रोज किसी न किसी रूप में रेडिएशन के संपर्क में जरूर आते हैं। यह रेडिएशन हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में आधी से ज्यादा आबादी के हाथों में मोबाइल फोन जैसे गैजेटस आ चुके है। मोबाइल फोन और उसके टॉवर्स से निकलने वाला रेडिएशन पुरूषों की प्रजनन क्षमता पर असर डालने के अलावा शरीर की कोशिकाओं के डिफेंस मैकेनिज्म को भी नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि लैपटॉप के रेडिएशन से स्मरण शक्ति पर प्रभाव पड़ता है और इसके कारण आपकी याददाश्त कम हो सकती है।

लैपटॉप का लगातार इस्तेमाल और इसके रेडिएशन से हमारी स्मरण शक्ति कमजोर होती है और अल्जाइमर जैसी समस्याएं सामने आती हंै। लैपटॉप पर हेडफोन के साथ देर तक काम करने से हर समय लगता है कि कानों में कुछ गूंज रहा है। नींद आने में भी परेशानी सहित आंखों को नुकसान, कारपेल्टन सिंड्रोम, ब्रेन टयूमर, कार्यक्षमता पर असर, स्तर कैंसर, बच्चों की खोपड़ी पर असर, त्वचा से संबंधित बीमारी, बाल झगड़ा सहित कई तरह के खतरनाक नुकसान होते हैं।

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