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शहर को स्वच्छ बनाने में पॉलीथिन बड़ी रुकावट

सुप्रीम कोर्ट की ओर से पॉलीथिन प्रयोग पर रोक के बावजूद शहर में प्लास्टिक की थैली और कैरी बैग का धड़ल्ले से भंडारण व बिक्री हो रही है। जिला प्रशासन व नगर परिषद इसे रोकने में नाकाम हो रही है। जबकि...

शहर को स्वच्छ बनाने में पॉलीथिन बड़ी रुकावट
हिन्दुस्तान टीम,जमुईTue, 24 Jul 2018 12:26 AM
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सुप्रीम कोर्ट की ओर से पॉलीथिन प्रयोग पर रोक के बावजूद शहर में प्लास्टिक की थैली और कैरी बैग का धड़ल्ले से भंडारण व बिक्री हो रही है। जिला प्रशासन व नगर परिषद इसे रोकने में नाकाम हो रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का 11 मई 2012 को पॉलीथिन प्रयोग पर रोक लगाने का आदेश प्राप्त है।

प्रशासनिक स्तर से कार्रवाई नहीं होने से दुकानदारों व व्यापारियों में भी भय नाम की चीज नहीं है और प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए प्लास्टिक का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। नगर परिषद ने शहर को स्वच्छ बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये हैं। उसके बाद भी पॉलीथिन की वजह से शहर साफ नहीं रह पाता है। शहर में डोर टू डोर कचरे का उठाव हो रहा है लेकिन कचरे में 70 प्रतिशत हिस्सा प्लास्टिक की थैलियां पायी जा रही हैं। इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है।

पशु बन रहे शिकार : अधिकतर लोग पॉलीथिन की पन्नियों में कूड़ा, बासी खाद्य सामग्री भरकर कूड़ादान में डालते हैं तो कोई रास्ते पर फेंक देते हैं। शहर में घूम रहे आवारा पशु इन पन्नियों को खा लेते हैं। बाद में ये पशु बीमार होकर दम तोड़ देते हैं।

क्या कहते हैं लोग: समाजसेवी कुन्दन कुमार, गब्बर सिंह, चैम्बर ऑफ कामर्स के सचिव शंकर साह, संतोष कुमार, मो. नन्हु आदि ने बताया कि सब्जी दुकान या फलमंडी पर जाने पर दुकानदार अपने आप ही प्लास्टिक की थैली निकालकर दे देता है। यदि पुराने कपड़े से बने थैले में सब्जी या फल समेत अन्य सामग्री देने पर सहूलियत होगी।

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