सुषमा व कुछ लड़कियों को ले जाना चाहते थे नक्सली
पचेसरी स्कूल में नक्सलियों द्वारा दो भाईयों की नृशंस हत्या के बाद नक्सली स्कूल में रह रही कुछ लड़कियों को अपने साथ ले जाना चाहते थे। इसी लड़कियों में कुमरतरी गांव की सुषमा भी...
पचेसरी स्कूल में नक्सलियों द्वारा दो भाईयों की नृशंस हत्या के बाद नक्सली स्कूल में रह रही कुछ लड़कियों को अपने साथ ले जाना चाहते थे। इसी लड़कियों में कुमरतरी गांव की सुषमा भी थी।
नक्सलियों के साथ आई महिला दस्ता सुषमा के साथ कुछ अन्य लड़कियों को जबरन अपने साथ ले जाना चाहती थी। लेकिन सुषमा जाने के बात पर रोने लगी और माफी मांगते हुए गिड़गिड़ाने लगी। इसी बीच वह अपने पिता के साथ लिपट गई और जाने से इंकार किया। तब नक्सलियों ने सबों को छोड़कर अपने राह पकड़ा।
सूत्रों की मानें तो नक्सली एक बार फिर अपनी खोई ताकत को पाने के लिए संगठन में युवाओं को तेजी से जोड़ने के लिए प्रयासरत है। जिस कारण गुरमाहा व कुमरतरी गांव के ग्रामीण अपने अपने घरों को छोड़ स्कूल में शरण लिए थे।
सूत्रों की मानें तो बीते 14 जूलाई का मारे गए ब्रम्हदेव की पत्नी और बेटा की हत्या के पीछे भी कुछ ऐसा ही मामला था। संगठन के लोग ब्रम्हदेव की बेटी रीना को पहले संगठन में जोड़ा। कुछ दिन पश्चात जब वह संगठन छोड़ शादी कर बंगलोर चली गई तो संगठन में उसे लाने के लिए परिजनों को मजबूर किया गया। परिजनों के दवाब में रीना बंगलोर से आई लेकिन मलयपुर में किराए के मकान में रहने लगी जो संगठन के लोगों को नागवर लगा। और आखिरकार मुखबिरी का आरोप लगा ब्रम्हदेव की पत्नी और उसके दो बेटे की हत्या का कारण बना।