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मुठभेड़ में सीआरपीएफ पर भारी पड़ रहे हैं नक्सली

जमुई जिले का चरकापत्थर, खैरा, सोनो, चकाई, झाझा के अलावा कई इलाके झारखंड से सटे हुए हैं। यह इलाका जंगली है। इन इलाकों में नक्सलियों का रैन बसेरा बना रहता...

मुठभेड़ में सीआरपीएफ पर भारी पड़ रहे हैं नक्सली
हिन्दुस्तान टीम,जमुईFri, 26 Oct 2018 12:07 AM
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जमुई जिले का चरकापत्थर, खैरा, सोनो, चकाई, झाझा के अलावा कई इलाके झारखंड से सटे हुए हैं। यह इलाका जंगली है। इन इलाकों में नक्सलियों का रैन बसेरा बना रहता है।

पहाड़ और जंगल रहने के कारण नक्सलियों की इन इलाकों में शरण स्थली बनी रहती है। इस इलाके में पुलिस को ऑपरेशन चलाने में भी काफी परेशानी होती है।पहाड़ी क्षेत्र रहने के कारण इस इलाके में छिपे नक्सली दूर से ही पुलिस आने की भनक पा जाते हैं। पुलिस की लगातार सक्रियता के बावजूद भी इलाके में नक्सली गतिविधि कम नहीं हो रही है। जानकारी के अनुसार गुरुवार की अहले सुबह खैरा के जंगली इलाके में नक्सली नेताओं की बैठक हो रही थी जिसकी भनक पुलिस को लगी थी। जमुई के सीआरपीएफ ने आपरेशन शुरू किया।

नक्सलियों तक पहुंचते ही फायरिंग शुरू कर दी जिसमें सीआरपीएफ के एक जवान को गोली लग गई। वहीं कुछ वर्ष पूर्व गिरीडीह की सीमा पर नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक आईपीएस रैंक के अधिकारी शहीद हो गए थे। हाल के दिनों में बढ़ी नक्सली गतिविधि से लगता है कहीं नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी में है। इस वर्ष कई ओहदेदार नक्सली नेता पकड़े गए हैं। बांका में कुछ माह पूर्व पुलिस मुठभेड़ के दौरान मंटू खैरा मारा गया था। इस मुठभेड़ में शामिल दो नक्सलियों को जमुई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सर्च अभियान के दौरान असम का रहने वाला एक नक्सली नेता उमेश मरांडी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार नक्सली नेता कई भाषाओं की जानकारी रखता था। पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया था कि संगठन को मजबूत करने के लिए वह जमुई के जंगलों में पिछले चार माह से सक्रिय है।

झारखंड से सटा जंगली इलाका नक्सलियों का है सेफ जोन

झारखंड से सटा जमुई का जंगली इलाका नक्सलियों का सेफ जोन बना हुआ है। एक किलोमीटर पैदल तय कर हीं नक्सली जमुई से झारखंड में प्रवेश कर जाते हैं। दो राज्यों की सीमाओं का लाभ उन्हें मिलता है। लगातार नक्सली कमांडरों और हार्डकोर सदस्यों की गिरफ्तारी के बावजूद भी जमुई के जंगलों में नक्सलियों की गतिविधियां कम नहीं हो रही है। ऐसी परिस्थिति में पुलिसकर्मियों को भी नक्सलियों के खिलाफ कड़ी रणनीति अपनानी होगी। इधर बरहट के भी जंगली इलाके में लगातार नक्सलियों के आने की सूचना मिल रही है। वहीं चकाई में लखी पूजा के दौरान नक्सली घटना की आशंका जताई जा रही है।

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