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आषाढ़ का महीना, जेठ की दोपहरी का एहसास

एक ओर मौसम की बेरुखी से सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर गर्मी के कारण सभी लोग परेशान हैं। उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। मौसम की बेरूखी से आषाढ़ का महीना जेठ की दोपहरी का...

आषाढ़ का महीना, जेठ की दोपहरी का एहसास
हिन्दुस्तान टीम,जमुईFri, 20 Jul 2018 12:55 AM
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एक ओर मौसम की बेरुखी से सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर गर्मी के कारण सभी लोग परेशान हैं। उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। मौसम की बेरूखी से आषाढ़ का महीना जेठ की दोपहरी का एहसास करा रहा है।

गर्मी से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों को इस मौसम में न तो घर में राहत मिल रही है और न ही बाहर में। गर्मी के कारण लोग पसीनें से तर-बतर हो रहे हैं। घरों में लगे पंखे और कूलर भी काम नहीं कर रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी दोपहर के अलावा रात के समय हो रही है। उमस अधिक रहने के कारण रात के समय लोगों की नींद पूरी नहीं हो रही है।

वहीं दोपहर के समय परेशानी और बढ़ जा रही है। आसमान में सुबह के समय बादल छाते हैं लेकिन बारिश नहीं हो पाती है। मंद गति से हवा चलने के कारण गर्मी और बढ़ गयी है। गुरूवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहा। लोगों का कहना है कि न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि होने के कारण गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। मौसम वैज्ञानिक अशोक कुमार ने बताया कि आषाढ़ का महीना मौसम अनुकूल नहीं है जिसके कारण ही अधिकतम और न्यूनतम तापमान में वृद्धि हो रही है। मंदि गति से हवा चलने के कारण उमस अधिक है। लगातार पूर्वा हवा चलने के कारण पसीनें अधिक छूट रहे हैं।

बाजार पर भी गर्मी का दिख रहा असर: गर्मी का असर बाजार में भी देखने को मिल रहा है। दोपहर के समय लोगों की आवाजाही कम हो जा रही है। दुकानों में भी लोगों की भीड़ कम हो गयी है। बाजार के अलावा मुख्य मार्ग पर भी यात्री वाहनों का परिचालन कम हो गया है। महिसौड़ी बस स्टैंड के समीप भी दोपहर के समय यात्रियों की संख्या कम देखने को मिल रही है।

सुबह शाम ही लोग यात्रा कर रहे हैं हालांकि जिन्हें जरूरी काम है, ऐसे लोग मजबूर होकर दोपहर के समय भी यात्रा करने को विवश हो रहे हैं। बस चालक राकेश कुमार , ऑटो चालक टिंकू कुमार समेत कई लोगों ने बताया कि गर्मी अधिक रहने के कारण दोपहर के समय यात्रियों की संख्या कम हो गयी है। वहीं दुकानदार राजीव कुमार ने बताया कि उमस भरी गर्मी के कारण ही दोपहर के समय बाजार में ग्राहकों की संख्या कम हो गयी है। खासकर मुख्य बाजार के अलावा मोहल्लों में संचालित दुकानों पर ग्राहकों की संख्या काफी कम हो गयी है जिसके कारण बाजार भी प्रभावित हो रहा है।

सिरचंद नवादा निवासी दुकानदार राजेश कुमार ने बताया कि ग्राहकों की कमीं दोपहर में देखने को मिलती है जिसके कारण वे दोपहर में दुकान बंद कर दे रहे हैं। बच्चों को भी पठन-पाठन में हो रही परेशानी: गर्मी का असर स्कूलों में भी देखने को मिल रहा है। जिले में अधिकांश सरकारी स्कूलों में बिजली का कनेक्शन नहीं हैं। बच्चे पसीने से तर-बतर होकर स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं। शिक्षकों को भी पढ़ाने में परेशानी हो रही है। बच्चे पसीने से तर-बतर होकर स्कूल आ-जा रहे हैं। बाजार निवासी ममता देवी ने बताया कि उमस अधिक रहने के कारण बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। खासकर सर्दी, खांसी और बुखार से बच्चे पीड़ित हो रहे हैं।

पशु-पक्षी भी गर्मी से हैं बदहाल: गर्मी के कारण आषाढ़ महीने में भी पक्षियों की चह-चहाहट सुनायी नहीं पड़ रही है। कौओं की आवाज गुम हो चुकी है। नदियां सूखी है। पशु, पक्षियों पर भी गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। पशुपालक राजकिशोर सिन्हा, बालचंद यादव आदि ने बताया कि गर्मी के कारण ही दूध का उत्पादन कम हो गया है जो गाय आठ लीटर दूध देती थी वह चार लीटर दूध दे रही है। पशु बीमार भी पड़ रहे हैं। पशुपालक राजकिशोर ने बताया कि उनके पास दस गायें हैं जिसमें चार बीमार पड़े हैं। पशुओं को भी बुखार हो रहा है।

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