जमुई स्टेशन पर प्रवासियों ने फैलाया कचरा
जमुई रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों के आने को लेकर जिस बात का डर स्थानीय लोगों को था ठीक वैसा ही हुआ। जिला प्रशासन व रेल प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर लोगोंं के सामने आ गई। दरअसल इसके पीछे का कारण...
जमुई रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों के आने को लेकर जिस बात का डर स्थानीय लोगों को था ठीक वैसा ही हुआ। जिला प्रशासन व रेल प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर लोगोंं के सामने आ गई। दरअसल इसके पीछे का कारण जमुई रेलवे स्टेशन से प्रवासी मजदूरों के जाने के 24 घंटे बाद भी साफ़ सफाई होना नहीं बताया गया ।
रेलवे परिसर में जहां कहां खाने केेेे डब्बे , पानी के बोतल फेंके पड़े थे तो दर्जनों की संख्या में ग्लबस और मास्क भी देखे गए। यह कचरा मजदूरों द्वारा खाकर फेंका गया था। यत्र तत्र फेंके इस कचरे से रेलवे कर्मी सहित स्थानीय लोग भी परेशान हैं। इस कारण मलयपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल है । ग्रामीणों को डर है कि जिस वैश्विक महामारी कोरोना की मार पूरा विश्व झेल रहा है उसकी चपेट जिले एवं आसपास के लोगों को अपनी आगोश में ना ले ले। ग्रामीण बताते हैं कि प्रवासी मजदूरों को जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है । सिर्फ स्कैनिंग कर उन्हें जाने दिया गया। यदि किसी प्रवासी मजदूर में कोरोना के लक्षण पाए गए तो उनके फेंके कचरे से यह भयंकर रूप धारण कर सकता है । वहीं स्वास्थ्य विभाग की मानें तो पानी के प्लास्टिक बोतल पर संक्त्रमण का असर 9 दिन तक रहता है ,जबकि खाने के पैकेट पर भी यह वायरस तेजी से फैलता है । कार्यरत स्टेशन मास्टर दिनेश राम कहते हैं कि इसकी सूचना प्रबंधक को दे दी गई है। वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी के लाख कहने के बावजूद परिसर में पर्याप्त मात्रा में डस्टबिन नहीं लगाया गया था। जिस कारण प्रवासी मजदूरों द्वारा खाना का पैकेट यत्र तत्र फेंका गया। मजदूरों के जाने के बाद भी साफ नहीं किया गया।
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