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जमुई: सरकार के निर्देश का स्वास्थ्य विभाग झाझा में पालन को लेकर उठ रहे सवाल

जमुई: राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव आमीर सुबहानी के हस्ताक्षर से जारी निर्देश का झाझा स्थित स्वास्थ्य विभाग में पालन हो रहा है या नहीं, इस बात को लेकर बुद्धिजीवियों, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं...

जमुई: सरकार के निर्देश का स्वास्थ्य विभाग झाझा में पालन को लेकर उठ रहे सवाल
हिन्दुस्तान टीम,जमुईSat, 14 Mar 2020 04:42 PM
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जमुई: राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव आमीर सुबहानी के हस्ताक्षर से जारी निर्देश का झाझा स्थित स्वास्थ्य विभाग में पालन हो रहा है या नहीं, इस बात को लेकर बुद्धिजीवियों, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं में आम चर्चा जारी है। लोग इस बाबत सवाल उठा रहे हैं कि क्या श्री सुबहानी के निर्देश का झाझा के रेफरल अस्पताल/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उप केंद्रों में पालन हो रहा है। विदित हो कि श्री सुबहानी ने अपने कार्यालय ज्ञापांक 3-एम011/2020 सा0प्र0 3736 पटना दिनांक 13-03-2020 के तहत निर्देश जारी किया है। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मी लगातार कर्तव्य पर रहेंगे जिसके लिए उन्हें समुचित रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। पत्र में चर्चा है कि राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर मुख्यमंत्री की 13 मार्च को संपन्न बैठक के दौरान लिए गए निर्णय के आलोक में अन्य के अलावे प्रमंण्डलीय आयुक्तों तथा जिला समाहर्ताओं को पत्र जारी कर सरकार के निर्णयों का दृढ़ता से अनुपालन करने हेतु अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित करने को कहा गया है। झाझा के लोगों का कहना है कि रेफरल अस्पताल में ऐसे एक से अधिक चिकित्सक हैं जो प्रखण्ड मुख्यालय में नहीं रहते हैं, जिला मुख्यालय के बाहर के जिलों से आते हैं, जो सप्ताह में एक दिन और इस प्रकार से माह में चार दिवसों की ड्यूटी कर सरकार से मोटी रकम वेतन के रूप में प्राप्त करते हैं। लोगों का कहना है कि ये तो नगर के रेफरल अस्पताल का हाल है। यदि ग्रामीण एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित विभिन्न स्वास्थ्य उप केंद्रों की स्थिति का आकलन किया जाय तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे और सरकार की ओर से जारी निर्देश का हश्र सामने आ जाएगा। ऐसे में जरूरत है झाझा क्षेत्र में स्वास्थ्य महकमे में आवश्यक सुधार की जो इस समय कोरोना वायरस को लेकर समय की मांग कही जा रही है। यदि समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं होती है तो वह दिन दूर नहीं जब इस अति पिछड़े प्रखण्ड के लोगों को संकट आने पर परेशानी परेशानी का सामना करने की मजबूरी के अलावे विकल्प ढ़ंूढते रहने के अलावे कुछ हासिल ही ना हो, कहते पाए गए यहां के बुद्धिजीवी। हालांकि झाझा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा बीके राय कहते हैं कि वे स्वास्थ्य विभाग में व्यापक सुधार लाने को लेकर प्रयासरत हैं और इस क्रम में यथोचित सुधार भी ला सकने में सफल हुए हैं।

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