ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार जमुईजांच टीम ने अपनाया दोहरा मापदंड,संबंधित पदाधिकारियों को कार्यवाई से रखा अलग

जांच टीम ने अपनाया दोहरा मापदंड,संबंधित पदाधिकारियों को कार्यवाई से रखा अलग

जमुई: जिलाधिकारी जमुई के जांच दल द्वारा प्रखंड में किए गये विभिन्न योजनाओं की जांच के दौरान पदाधिकारियों द्वारा दोहरा मापदंड अपनाने की चर्चा जोरों पर सुना जा रहा है। चुंकि बीते सतरह जनवरी को...

जांच टीम ने अपनाया दोहरा मापदंड,संबंधित पदाधिकारियों को कार्यवाई से रखा अलग
हिन्दुस्तान टीम,जमुईThu, 07 Feb 2019 05:25 PM
ऐप पर पढ़ें

जमुई: जिलाधिकारी जमुई के जांच दल द्वारा प्रखंड में किए गये विभिन्न योजनाओं की जांच के दौरान पदाधिकारियों द्वारा दोहरा मापदंड अपनाने की चर्चा जोरों पर सुना जा रहा है। चुंकि बीते सतरह जनवरी को जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने लक्ष्मीपुर प्रखंड के तीन पंचायत चिनबेरिया,नजारी और पिडरौन पंचायत में चल रहे और पूर्ण हुए योजनाओं का सघन जांच अलग अलग गठित जांच दल द्वारा कराया गया। साथ ही जांच प्रतिवेदन के आधार पर अनियमितता पाए गए योजना में संबंधित लोगों पर कार्यवाई करने का आदेश जिलाधिकारी श्री कुमार ने दिए थे। जांच के दौरान मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना पर फोकस किया गया था। इस कड़ी में पिडरौन पंचायत के वार्ड न.(1) के दो योजना में जांच टीम ने अनियमितता पायी थी। जिसमें उक्त वार्ड के वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति के सदस्य से अनियमितता के विरोध में राशि वसूलने का आदेश दिया गया था। जबकि योजनाओं के क्रियान्वयन से पूर्व वैसे योजना का प्राकलन तैयार करने से लेकर उसकी गुणवत्ता बनाए रखने का दायित्व संबंधित पंचायत में पदस्थापित कनीय अभियंता की होती है। साथ ही योजना के क्रियान्वयन के दौरान निरिक्षण करने का अधिकार भी कनीय अभियंता का होता है। इस दौरान अभियंता गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इस बात पर ध्यान रखते हैं कि प्राकलन के अनुरूप कार्य हो रहा है या नहीं। बावजूद वैसे योजनाओं में अनियमितता का उजागर होना और उसके लिए सिर्फ वार्ड क्रियान्वयन समिति को दोषी मानते हुए उनसे राशि का वसूल करने की बात लोगों के जेहन में उतरता नहीं है। जानकर लोगों की मानें तो प्राकलन तैयार करने से लेकर पापी पुस्तिका तैयार करने की जिम्मेदारी संबंधित अभियंता का होता है।वैसी स्थिति में उसे कार्यवाई से किस परिस्थिति में अलग रखा गया। जो अपने आप में एक अहम शबाल है।। अगर अभियंता अपने दायित्व को समझते तो आज वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति से राशि वसूली का मामला नहीं बनता।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें