बरहट के 16 उप स्वास्थ्य केंद्र में 8 है भवनहीन, आशा एवं आंगनबाड़ी केंद्र पर चलता है उप स्वास्थ्य केंद्र
बरहट के 16 उप स्वास्थ्य केंद्र में 8 है भवनहीन, आशा एवं आंगनबाड़ी केंद्र पर चलता है उप स्वास्थ्य केंद्र बरहट के 16 उप स्वास्थ्य केंद्र में 8 है भवनही

बरहट, निज संवाददाता सरकार भले ही गांव-गांव में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और उप स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ बनाने के बड़े-बड़े दावे करती हो लेकिन बरहट प्रखंड की हकीकत इससे उलट है। यहां संचालित 16 उप स्वास्थ्य केंद्रों में से 8 आज भी अपने भवन के लिए तरस रहा है। मजबूरी में ये केंद्र कहीं किराए के मकानों में तो कहीं आशा कार्यकर्ताओं के घर के बरामदे में तो कहीं आंगनवाड़ी भवनों में संचालित किए जा रहे हैं। भवनों की कमी का सीधा असर मरीजों की सुविधा और इलाज की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। बरसात के दिनों में पानी टपकना ,उमस भरी गर्मी में पंखे की कमी, और ठंड में उचित सुरक्षा का अभाव, मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों दोनों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है।
आशा के घर में चल रहा अस्पताल- सबसे खराब स्थिति टेंगहरा उप स्वास्थ्य केंद्र की है जहां भवन न होने के कारण आशा कार्यकर्ता अपने घर के बरामदे में ही अस्पताल चला रही हैं। सुदामापुर उप स्वास्थ्य केंद्र किराए के मकान में है। जबकि लखैय, ललमटिया, बिशनपुर और भोजहा आंगनवाड़ी केंद्रों में संचालित हो रहे हैं। अति पिछड़े क्षेत्र गुरमाहा में तो कैंप लगाकर ही इलाज किया जाता है। वहीं बरहट का स्वास्थ्य केंद्र जर्जर भवन में चल रहा है। यह स्थिति से जाहिर होता है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत अभी भी चुनौतियों से घिरी हुई है या यों कह सकते हैं कि कागज पर उपस्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। जमीन की अनुपलब्धता बनी है रोड़ा - स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि भवन निर्माण के लिए विभाग तैयार है, लेकिन अंचल के पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण अब तक जमीन चिन्हित नहीं की गई। इस वजह से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है और मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। क्या कहते हैं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक - प्रखंड़ स्वास्थ्य प्रबंधक जूही अलका ने बताया कि 16 उप स्वास्थ्य केंद्रों में से 8 के पास अपना भवन नहीं है। इन केंद्रों के लिए भवन निर्माण का निर्देश मिल चुका है, लेकिन जमीन उपलब्ध न होने के कारण निर्माण अटका हुआ है।
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