झाझा-गिद्धौर एनएच 333 पर प्रदर्शन
झाझा- गिद्धौर एसएच 18 सह एनएच 333 में निकल आए गड्ढे डेथ टैप्स अर्थात मौत का कुंआ बन कर रोज इधर से गुजरने वाले वाहन चालकों, खास कर दुपहिया वाहनों एवं छोटे चरपहिया वाहनों के लिए डेथ ट्रैप्स बन कर रोज...
झाझा- गिद्धौर एसएच 18 सह एनएच 333 में निकल आए गड्ढे डेथ टैप्स अर्थात मौत का कुंआ बन कर रोज इधर से गुजरने वाले वाहन चालकों, खास कर दुपहिया वाहनों एवं छोटे चरपहिया वाहनों के लिए डेथ ट्रैप्स बन कर रोज दुर्घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इससे लोग आए दिन परेशानी का सामना कर रहे हैं। निकल आए ऐसे दर्जन से अधिक जानलेवा गढडों के शिकार होने वाले दुर्घटना के शिकार पीड़ितों को ग्रामीण अस्पताल पंहुचाते परेशान होकर अंतत: प्रशासन के ध्यानाकर्षण के लिए एकडारा चौक के निकट अवथित जामो खरैया पंचायत भवन के निकट कई ऐसे गड्ढों में से एक के निकट जाकर हंगामा एवं नारेबाजी की।
इनमें धपरी के सुशील कुमार, पताव के मथुरा यादव, पप्पु साव कानन, जदयु के प्रखंड उपाध्यक्ष लखन मंडल खुरीपरास, फतेहपुर के गुलेश्वर मंडल,जामोखरैया के संजय रावत, बागेश्वरी सिंह, पप्पु रविदास, प्रखण्ड ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य संघ के सचिव मुनेश्वर रविदास, किशोर साव, सैर के राधेश्याम मंडल आदि ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि रोज इस ओर से प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की गाड़ियां गुजर रही हैं परंतु किन्हीं का भी ध्यान इस जानलेवा साबित हो रहे गड्ढों पर नहीं जाना आखिर क्या दर्शाता है। क्या वाहन चालकों के वाहन खरीदी के समय लिए गए रोड टैक्स सरकार व प्रशासन छोड़ देगी।
एनएच 333 सह एसएच 18 में निकल आए गड्ढे एवं अलकतरा छोड़ चुके पथ वाहन चालकों को अवश्यम्भावी दुर्घटना का आमंत्रण दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में इस मार्ग से गुजरना दुरूह हो गया है। यहां के सोहजाना मोड़ के बाद से ही नागी नदी पुल तक की लगभग 7 किमी दूरी तक सड़क की वो अधोगति हो गई है मानो इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो। यह राह वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। जिला मुख्यालय के अलावे विभिन्न उच्च पथों को जोड़ने वाली यह पथ झाझा प्रखंड सीमा क्षेत्र तक गड़बड़ है। झाझा के पेट्रोल पंप से आगे बढ़ने पर कुछ कुछ दूरी पर ही इस प्रकार से सड़क बदतर हो गई है कि दो पहिया वाहनों को वाहन चलाना तो टेढ़ी खीर साबित हो जाती है कहा अनेकों चालकों ने।
विदित हो कि बिहार सरकार की इस सड़क से गुजरने के क्रम में तेज गति से आ रहे वाहनों के चालकों को पता भी नहीं चल पाता है कि इस राष्ट्रीय सह प्रदेश राजमार्ग की ये अधोगति है जो किसी भी वाहन को उलट देने में सक्षम है और इसके लिए तैयार बैठा है। छोटे चार पहिया वाहनों को छोड़ दें, दो पहिया वाहन चालकों को यहां आए दिन दुर्घटनाग्रस्त होते रहना मजबूूरी सी बन गई है। एक आम समस्या का रूप ले चुकी इस सड़क में अकेलेे झाझा से गिद्धौर जमुई जाने के क्रम में स्थिति भयावह है । विदित हो कि जमुई से गिद्धौर तक पथ निर्माण होने के बाद गिद्धौर के बाद झाझा सोनो पथ में कार्य रूकने पर लोग सवाल उठा रहे हैं। यहां के बुद्धिजीवियों के अलावे ग्रामीणों वाहन चालकों का कहना है कि सरकार एवं विभागीय प्रशासन आखिरकार चुप क्यों बैठा है।