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महागौरी से भक्तों ने मांगा आशीष

स्टेडियम मैदान स्थित दुर्गा मंदिर में रविवार को खोइंछा भरने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। महिलाओं ने खोइंचा भर कर मां से मांगा आशीष। घरों में मां महागौरी की पूजा हुई। शंख, ध्वनि, घंटा की गूंज...

स्टेडियम मैदान स्थित दुर्गा मंदिर  में  रविवार को खोइंछा भरने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। महिलाओं ने खोइंचा भर कर मां से मांगा आशीष। घरों में मां महागौरी की पूजा हुई। शंख, ध्वनि, घंटा की गूंज...
1/ 2स्टेडियम मैदान स्थित दुर्गा मंदिर में रविवार को खोइंछा भरने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। महिलाओं ने खोइंचा भर कर मां से मांगा आशीष। घरों में मां महागौरी की पूजा हुई। शंख, ध्वनि, घंटा की गूंज...
स्टेडियम मैदान स्थित दुर्गा मंदिर  में  रविवार को खोइंछा भरने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। महिलाओं ने खोइंचा भर कर मां से मांगा आशीष। घरों में मां महागौरी की पूजा हुई। शंख, ध्वनि, घंटा की गूंज...
2/ 2स्टेडियम मैदान स्थित दुर्गा मंदिर में रविवार को खोइंछा भरने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। महिलाओं ने खोइंचा भर कर मां से मांगा आशीष। घरों में मां महागौरी की पूजा हुई। शंख, ध्वनि, घंटा की गूंज...
हिन्दुस्तान टीम,जमुईSun, 06 Oct 2019 10:31 PM
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स्टेडियम मैदान स्थित दुर्गा मंदिर में रविवार को खोइंछा भरने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। महिलाओं ने खोइंचा भर कर मां से मांगा आशीष। घरों में मां महागौरी की पूजा हुई। शंख, ध्वनि, घंटा की गूंज सुनाई पड़ रही थी।

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां की आराधना की जा रही थी। महागौरी की पूजा को लेकर लोगों में काफी उत्साह था। जो लोग नवरात्र के अवसर पर नियमित पाठ कर रहे हैं ऐसे लोगों ने महाअष्टमी व्रत का अनुष्ठान किया है। धार्मिक मान्यता है कि जो लोग अष्टमी के दिन व्रत का अनुष्ठान करते हैं तथा रात में जागरण करते हैं उनपर मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। मां गौरी की पूजा से नष्ट हो जाते हैं सभी पाप : भागवत तथा शिव पुराण के अनुसार नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा का विधान है। इनका रूप पुर्णत: गौर है। इनकी गौरता की उपमा शंख, चंद्र और कूंद के फूल से की गयी है। इनके समस्त वस्त्र और आभूषण श्वेत हैं। मां दुर्गा पार्वती के रूप में भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। जिसके कारण शरीर बिल्कूल काला पड़ गया था। तपस्या से खुश होकर भगवान शंकर ने इनके शरीर पर गंगा जल छींटा। इसके बाद मां की काया बदल गयी।

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