सरकारी भवनों पर दबंगों का कब्जा
सामाजिक समरसता का प्रतीक माने जाने वाले ग्रामीण सामुदायिक भवन जहां ग्रामीण एक साथ बैठकर घर गृहस्थी से लेकर राजनीति के साथ देश विदेश की चर्चा करते हैं...
सामाजिक समरसता का प्रतीक माने जाने वाले ग्रामीण सामुदायिक भवन जहां ग्रामीण एक साथ बैठकर घर गृहस्थी से लेकर राजनीति के साथ देश विदेश की चर्चा करते हैं ।
ग्रामीण सामुदायिक भवन पर दबंगों का कब्जा हो जाने से लोग एक जगह नहीं बैठ पाते हैं जिससे लोगों में आपसी संवादहीनता की कमी रह जाती है जिसकी वजह से छोटी—छोटी बातों से एक दूसरे से उलझ जाते हंै। ग्रामीण सामुदायिक भवन हर समाजिक कार्यों का एक खास जगह होता था जिसमें विवाह, सरकारी बैठक, सामाजिक बैठक या कोई कार्य प्रयोजन सभी लोग इसी जगह को उपयुक्त मानते थे।
लेकिन प्रखंड के अधिकांश गावों में सामुदायिक भवन पर आज दबंग प्रवृति के लोग कब्जा जमाए बैठे हैं। कई जगह तो सामुदायिक भवन पर ही घर बना दिया गया है । आढ़ा पंचायत के पलसा बुजुर्ग, आढ़ा, पुरसन्डा पंचायत के कई गांव, कोल्हाना पंचायत , दिननगर , दरखा, मिर्जागंज सहित कई पंचायतों में सामाजिक रूप से दबंग लोग सामुदायिक भवन पर वर्षों से कब्जा जमाकर उसमें कट्टू, बिचाली या जानवर बांधने का काम करते हैं। यदि कोई ग्रामीण विरोध भी करता है तो उसे देख लेने या हमारी पहुंच दूर तक है , जहाँ जाना है जाओ का ताना सुनना पड़ता है। ऐसे में आज ग्रामीण सामुदायिक भवन अपने उद्देश्य में विफल साबित हो रहा है।
कहते हैं बीडीओ...
बीडीओ मो. शमशीर मल्लिक ने कहा कि सामुदायिक भवन हर गांव में हर समुदाय के लिए है न कि एक व्यक्ति विशेष का निजी संपत्ति । यदि किसी गांव में सामुदायिक भवन पर अवैध कब्जा किसी दबंग या व्यक्ति विशेष द्वारा किया गया तो ग्रामीण इसकी लिखित शिकायत दें उस व्यक्ति को चिन्हित कर कानूनी कार्यवाई की जायेगी। यदि किसी को डर लगता है तो चुपचाप प्रखंड कार्यालय में लिखित शिकायत दें ।