लॉकडाउन में ऑटो चालकों को पड़े रोजी-रोटी के लाले
लाकडाउन के दौरान आटो चालकों की हालत दयनीय हो गई है। उनके समक्ष रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। अब हालत यह हो गई है कि परिवार व बच्चों संग वे दूसरे रोजगार की तलाश में भटकने लगे हैं। दरअसल इसके पीछे चार...
लाकडाउन के दौरान आटो चालकों की हालत दयनीय हो गई है। उनके समक्ष रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। अब हालत यह हो गई है कि परिवार व बच्चों संग वे दूसरे रोजगार की तलाश में भटकने लगे हैं। दरअसल इसके पीछे चार महीना से उनका कारोबार पूरी तरह ठप्प होना बताया जा रहा है। जमुई रेलवे स्टेशन से सैकड़ों की संख्या में चलते हैं आटो : बेरोजगारी के दौर में अधिकांश युवा आटो एवं अन्य वाहन चलाकर अपने एवं अपने परिवार का पेट भरते हैं ।
जमुई रेलवे स्टेशन पर लगभग 300 आटो शहर एवं अन्य मार्ग पर चलते हैं । इनकी रोजी रोटी का साधन आटो ही है। इन्हीं के सहारे उनके घर का चूल्हा जलता है तो बच्चे भी स्कूल जाते हैं। अब अंदाजा लगाइए जब इनका रोजगार ही बंद हो गया तो इनके घर का चूल्हा कैसे जलता होगा। ये अपने बच्चों का टयूशन फीस कैसे जमा करते होंगे। आटो चालक दिलीप सिंह, संतोष सिंह, भरत राम, नंदू पासवान सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि सोचा कुछेक दिन लाकडाउन रहेगा फिर सब कुछ ठीक हो जाएगा। किंतु 4 महीना बीत जाने के बाद अब उनलोगों का हिम्मत जवाब देने लगा है। आखिर करें तो क्या करें। उनलोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
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