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खैरा में पुलिस पर हमला, पिस्टल छीना

दुर्गा पूजा के दौरान नवमी को खैरा थाना के दयालडीह गावँ में पुलिस दल पर हमला कर ग्रामीणों ने एक दरोगा की सर्विस पिस्टल छीन ली । बाद में एसएसबी की मदद से पुलिस ने छीना गया पिस्टल बरामद कर लिया । मामले...

खैरा में पुलिस पर हमला, पिस्टल छीना
हिन्दुस्तान टीम,जमुईSun, 21 Oct 2018 12:02 AM
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दुर्गा पूजा के दौरान नवमी को खैरा थाना के दयालडीह गावँ में पुलिस दल पर हमला कर ग्रामीणों ने एक दरोगा की सर्विस पिस्टल छीन ली । बाद में एसएसबी की मदद से पुलिस ने छीना गया पिस्टल बरामद कर लिया । मामले में खैरा पुलिस ने 30 लोगों को आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज किया है। घटना के बाद शक के आधार पर हिरासत में लिए गए चार लोगों को पुलिस पर छोड़ देने का भी आरोप लग रहा है। हालांकि पुलिस ग्रामीणों को छोड़े जाने के बात से इंकार कर रही है। जानकारी के अनुसार खैरा थाना के अपहरण सह हत्या के मामले में फरार आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए खैरा पुलिस की टीम नवमी यानि गुरुवार को दयालडीह गांव गई थी। पुलिस के पहुँचते ही ग्रामीण उत्तेजित हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस के साथ धक्का मुक्की करते हुए दरोगा हिरा प्रसाद महतो का सर्विस पिस्टल छीन लिया। घटना की सुचना पुलिस ने नजदीक के एसएसबी कैंप को दिया। बिना देर किये पकरी एसएसबी कैम्प के जबानों ने वहां पहुंचकर चार लोगों को शक के आधार पर हिरासत में लेकर खैरा थाना लाया। पुलिस के बढ़ते दबाब के के बीच एक चौकीदार को गावँ भेजा गया। चौंकीदार ने ग्रामीणों को समझाया। फिर ग्रामीणों ने छीना गया पिस्टल चौकीदार को सौंप दिया। थानाध्यक्ष दलजीत झा ने बताया कि ग्रामीणों और पुलिस के बीच तनाव हुआ था। इसी बीच दरोगा की पिस्टल गिर गया। बाद में पिस्टल को बरामद कर लिया गया। अब सवाल उठता है कि दूसरों को सुरक्षा देने वाली पुलिस खुद असुरक्षित कैसे हो गई है? पुलिस का सूचना तंत्र कमजोर हो गया है। किसी के सूचना पर बगैर जांच-पड़ताल किए ग्रामीण इलाकों में जाना कहां तक सही है? अगर नक्सल प्रभावित इलाकों में ऐसी घटना होती तो बड़ी बात बन जाती। वैसे भिमाईन पंचायत नक्सल प्रभावित इलाके की श्रेणी में ही आता है।

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