आठ घंटे भय के साए में रहे अमरनाथ यात्री
अमरनाथ यात्रा का सपना संजोए जब जिले के तीन युवक यहां से रवाना हुए तो उन्होंने कल्पना भी नहीं किया होगा कि यह यात्रा एक बुरे सपने से कम नहीं होगा। हालांकि सीआरपीएफ के सहयोग से वे यात्रा कर वापस...
अमरनाथ यात्रा का सपना संजोए जब जिले के तीन युवक यहां से रवाना हुए तो उन्होंने कल्पना भी नहीं किया होगा कि यह यात्रा एक बुरे सपने से कम नहीं होगा। हालांकि सीआरपीएफ के सहयोग से वे यात्रा कर वापस सुरक्षित अपने घर लौट गए।
किंतु अमरनाथ यात्रा की चर्चा होते ही उनके चेहरे पर खौफ साफ दिखाई देता है। यात्रा से वापस आए प्रखंड क्षेत्र के टेंगहरा निवासी रामदेव यादव बताते हैं कि वे अपने साथी नारडीह के डा. अशोक गुप्ता तथा जमुई के मिथिलेश कुमार यादव के साथ पहली बार अमरनाथ यात्रा के दर्शन को जमुई से चले। 22 जुलाई को वे अपने साथियों के साथ जम्मू पहुंचे जहां वे रात रूके । 23 जुलाई को निजी वाहन से श्रीनगर के लिए रवाना हुए। उन्होंने बताया 8 घंटे के सफर में उन्होंने खासा भय महसूस किया। रास्ते की स्थिति देख कर तो वैसे भय हो रहा था किंतु जब वहां के नागरिकों व जम्मू कश्मीर के जवानों से मुलाकात हुई तो लगा शायद घर सुरक्षित नहीं लौट पाएंगे। जम्मू कश्मीर के जवानों ने पूछताछ में जब जान लिया कि हम लोग अमरनाथ यात्रा के लिए आए हैं तो वे जवान इंडियन गो बैक कहने लगे।