84 भवनों के 163 बूथों पर रहेगी प्रशासन की नजर
गुजरे कई दशकों से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान कायम रखते आए 242, झाझा विधान सभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा के पहलू पर निर्वाचन प्रशासन की खास नजर है। प्रखंड के 84 सरकारी भवनों...
गुजरे कई दशकों से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान कायम रखते आए 242, झाझा विधान सभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा के पहलू पर निर्वाचन प्रशासन की खास नजर है। प्रखंड के 84 सरकारी भवनों में अवस्थित कुलजमा 163 बूथों में सभी पर अर्द्घसैनिक बल का कुछ इस कदर तगड़ा पहरा होगा जहां परिंदे को भी पर मार पाना शायद कतई मुमकिन नहीं होगा,किसी अवांछित हरकत की बात तो कोसों दूर होगी। जी हां,प्रशासन एवं पुलिसिया सूत्रों के दावे तो कुछ ऐसा ही संदेश-संकेत देते मिल रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार खास निगहबानी वाले उक्त भवनों में 49 भवन नक्सलवाद की मांद में समाए हैं। उक्त 49 भवनों में 95 बूथ अवस्थित बताए जाते हैं। इसी तरह कुलजमा 68 बूथों को समाए होने वाले 35 भवन संवेदनशील की श्रेणी में आते बताए जाते हैं। इनके अलावा पांच बूथ वल्नरेबल (भेद्य) शीर्ष के तहत माने गए बताए जाते हैं जिसका अभिप्राय यह है कि उन बूथों के निरीह मतदाताओं संग किसी तरह की दबंगई की स्थिति संभव है। ऐसे में वल्नरेबल बूथों पर भी पुलिस किसी की दादागिरी या दबंगई की गुंजाइश नहीं छोड़ते हुए वहां भी सशस्त्र बल की स्थायी तैनाती का मन बनाए हुए है।