लॉन्चिंग के दिन ही झाझा में ‘डिरेल हुआ टीकाकरण
लॉन्चिंग के दिन ही ‘डिरेल हो गई टीकाकरण एक्सप्रेस। टीकाकरण एक्सप्रेस के जरिए स्वास्थ्य विभाग का चलो गांव की ओर का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम आगाज के...
झाझा। निज संवाददाता
लॉन्चिंग के दिन ही ‘डिरेल हो गई टीकाकरण एक्सप्रेस। टीकाकरण एक्सप्रेस के जरिए स्वास्थ्य विभाग का चलो गांव की ओर का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम आगाज के पहले ही दिन अंजाम नहीं ले पाया। वजह,वही पुरानी....वैक्सीनों की कमी का रोना। बता दें कि 45 प्लस तबके की वैक्सीनों के अभाव में झाझा में अधेड़ों के वैक्सीनेशन की कवायद बीते रविवार यानि तीन दिनों से बंद है। किंतु,वैक्सीन का भंडार शून्य होने की सूरत के बीच भी सोमवार को जमुई के सीएस डॉ.विनय कु.शर्मा मंगलवार से टीकाकरण एक्सप्रेस खोल देने की बात कह गए थे। बता दें कि उक्त एक्सप्रेस के जरिए गांवों के सफर के पीछे जिला स्वास्थ्य विभाग का मक्सद् ग्रामीण हलकों में वैक्सीनेशन की गति को रफ्तार देने संबंधी अपने संकल्प को सरजमीं पर उतारना था। ताकि,ग्रामीण अधेड़ों को भी कोविड 19 की महामारी के विरूद्ध वैक्सीन का सुरक्षा कवच नसीब कराया जा सके। टीकाकरण कर्मी आपके द्वार....सरीखे इस कार्यक्रम की जिम्मेवारी रा.बाल स्वा.सुरक्षा कार्यक्रम (आरबीएसके) को दी गई थी। तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक मंगलवार से आरबीएसके की टीमें रोजमर्रा तौर पर प्रखंड की किसी ग्रामीण पंचायत की दूरियां नापते हुए पंचायत के तीन विभिन्न मुकामों पर अपना डेरा-डंडा डालकर 45 प्लस वाले ग्रामीण महिला-पुरूषों के कोविड टीकाकरण टास्क को अंजाम देंगी। सीएस ने इस बावत झाझा रेफरल सह पीएचसी के एमओआईसी डॉ.अरूण कुमार को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि टीमें आरबीएसके के वाहन व कर्मियों के साथ जाएंगी जिसमें एएनएम के अलावा आरबीएसके में प्रतिनियुक्त आयुष समेत तीन डॉक्टर व फार्मासिस्ट भी शामिल रहेंगे। इस महत्वाकांक्षी अभियान के पीछे विभाग का बड़ा उद्येश्य आलस्य,कोताही या फिर शहर आकर टीका लगवाने की परेशानियों के मद्देनजर कोविड टीकाकरण के मामले में अब तक काफी पीछे चल रहे ग्रामीण हलकों के अधेड़ों को टीके का कवच दे उन्हें वैक्सीनेशन की मुख्य धारा में लाना था।
ध्यान रहे कि अक्सर वैक्सीनों की कमी से जूझते आया झाझा का स्वास्थ्य विभाग इसके पूर्व भी पंचायतों में टीकाकरण को तेज करने को प्रखंड प्रशासन संग मिलकर टीकाकरण का पंचायतवार शिड्यूल तैयार किया था। पर,वैक्सीनों का पर्याप्त भंडार नहीं होने की आए दिन की समस्या के कारण वह पूर्व नियोजित योजनाएं भी अपने शिड्यूल से डिरेल होती दिखी हैं। जबकि इधर नगर में भी कई दिन टीकाकरण का कार्य कभी पूरी तरह ठप तो कभी आधे-अधूरे ढंग में परवान चढ़ पाता दिखा है। टीकाकरण कार्य में निरंतरता नही रहने के सवाल पर सीएस का कहना था कि यह समस्या अकेले जमुई जिले की ही नहीं है।