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धन त्रयोदशी पर धनवर्षा, 92 करोड़ का कारोबार

धन त्रयोदशी पर धनवर्षा, 92 करोड़ का कारोबारधन त्रयोदशी पर धनवर्षा, 92 करोड़ का कारोबारधन त्रयोदशी पर धनवर्षा, 92 करोड़ का कारोबारधन त्रयोदशी पर धनवर्षा, 92 करोड़ का कारोबारधन त्रयोदशी पर धनवर्षा, 92 करोड़...

धन त्रयोदशी पर धनवर्षा, 92 करोड़ का कारोबार
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफTue, 02 Nov 2021 09:50 PM
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धन त्रयोदशी पर धनवर्षा, 92 करोड़ का कारोबार

सोने, चांदी व डायमंड के गहने खरीदने को लोगों में उत्साह

बाइक, ट्रैक्टर और कार बाजार रहे सुबह से शाम तक गुलजार

इलेक्ट्रॉनिक्स और बर्तन दुकानों पर दिखी आपाधापी की स्थिति

खरीदारों के उत्साह के आगे महंगाई हुई छू मंतर

बाजारों में उमड़ती रही ग्राहकों की भीड़, लगता रहा जाम

फोटो

धनतेरस 01- बिहारशरीफ के रांची रोड स्थित मुन्नालाल महेशलाल में आभूषण की खरीदारी करते लोग। (बड़ी तस्वीर)

धनतेरस 02 - बिहारशरीफ के आलमगंज स्थित दूरदर्शन में इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी करतीं महिलाएं।

धनतेरस 03 - बिहारशरीफ बाइपास के अनुकूल एग्रो में किसान को ट्रैक्टर की चाबी सौपतें नीतीश कुमार

धनतेरस 04 - बिहारशरीफ में धनतेरस पर बर्तन की खरीदारी करते लोग।

धनतेरस 05 - बिहारशरीफ के बाजार में झाड़ू की खरीदारी करते लोग।

बिहारशरीफ। कार्यालय प्रतिनिधि

धन त्रयोदशी (धनतेरस) पर धनवर्षा हुई। हर किसी ने दिल खोल खरीदारी की। खरीदारों के उत्साह के आगे महंगाई छू मंतर हो गयी। लोगों ने पसंद और जरूरत के अनुसार सामान खरीदे। सोने-चांदी, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों पर ग्राहकों की इतनी भीड़ कि खड़े होने तक की जगह मुश्किल से मिल रही थी। दिनभर बाजारों में आपाधापी की स्थिति बनी रही। बाइक, कार और ट्रैक्टर बाजार भी गुलजार रहा। कारोबारियों की मानें तो जिले में करीब 92 करोड़ का कारोबार धनतेरस पर हुआ। दुकानदारों द्वारा दिये जा रहे ऑफर (छूट) का फायदा भी खरीदारों को मिला।

सबसे आगे सर्राफा बाजार:

धनतेरस पर सोने व चांदी के गहने, सिक्के और मां लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति खरीदने की बहुत पहले से परंपरा चली आ रही है। व्यवसायियों की मानें तो इस बार जिले में करीब 45 से 50 करोड़ का कारोबार हुआ है। धनतेरस कारोबार में सबसे आगे सर्राफा बाजार रहा है। चौक बाजार के आभूषण विक्रेता अतुल रस्तोगी, आशीष रस्तोगी तथा भरावरपर के शशिकांत गुप्ता बताते हैं कि इस बार लाइटवेट और हैवीवेट गहनों की खरीदारी लोगों ने ज्यादा की। वैसे, चांदी के साथ ही ब्रांडेड हीरे के गहने को भी लोगों ने पसंद किया है। चांदी व सोने के सिक्के खरीदने में भी शहर के लोगों ने दिलचस्पी ली है।

एलईडी टीवी व वाशिंग मशीन पहली पसंद:

पिछले साल की अपेक्षा इलेक्ट्रॉनिक सामानों के दाम में 10 से 15 फीसद का इजाफा हुआ है। बावजूद इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में लोगों की रेलमपेल भीड़ दिखी। दूरदर्शन के संचालक भोला नाथ गुप्ता बताते हैं कि इस बार बड़ी साइज की एलईडी व वाशिंग मशीन खरीदने में ग्राहकों का ज्यादा रुझान रहा। दुकानदारों की मानें तो जिले में धनतेरस पर इलेक्ट्रॉनिक बाजार में बिक्री का आंकड़ा 10 करोड़ से पार कर गया।

ट्रैक्टर,बाइक और कार बाजार में रौनक:

बाइक के दीवानों ने धनतेरस पर जमकर खरीदारी की। विभिन्न कंपनियों की एजेंसियों में जुटी भीड़ इसकी गवाही दे रही थी। जबकि, किसानों का रुझान ट्रैक्टर खरीदने के प्रति रहा। कार और ई-रिक्शा बाजार की रौनक भी दिनभर बनी रही। कुछ खास मॉडल की बाइक और कार का डिमांड अधिक करने कारण एडवांस बुकिंग वालों को छोड़ अन्य ग्राहकों को मायूसी भी हाथ लगी। शहर के विभिन्न शोरूम में सुबह से शाम तक खरीदने वालों की भीड़ जुटी रही। कारोबारियों के अनुसार ऑटोमोबाइल का बाजार का ग्राफ 10 करोड़ रुपए के आसपास रहा।

हर घर में खरीदा गया झाड़ू :

झाड़ू खरीदने में अमीरी-गरीबी का कोई भेद नहीं रहता है। धनतेरस पर हर घर में झाड़ू की खरीद की जाती है। यही कारण रहा कि शहर के चौक-चौराहों पर एक नहीं अनगिनत सजीं अस्थायी झाड़ू की दुकानों पर ग्राहकों की फौज जुटी रही। नारियल झाड़ू 35 से 60 रुपए पीस तो फूल वाला 55 से 170 रुपए पीस बिका। दुकानदारों की मान ले तों झाड़ू का बाजार एक करोड़ के दायरा को इस बार पार कर गया।

बर्तन बाजार रेलमपेल की स्थिति:

धन त्रयोदशी पर बर्तन बाजार के क्या कहने। दुकानदारों में भीड़ इतनी कि रेलमपेल की स्थिति बनी रही। हालांकि, महंगाई का असर भी साफ दिख रहा था। बावजूद, जिसे जो बन सका, उसने अपनी जरूरत के अनुसार बर्तन खरीदने में किसी तरह की हिचक नहीं दिखायी। खंदकपर के कारोबारी मुकेश कुमार बताते हैं कि पीतल के बर्तन 650 से 800 रुपए किलो तो पीतल की मूर्ति 1000 से 1200 रुपए बिकी। तांबा बर्तन की कीमत 11 सौ से 1200 रुपए किलो रही। जबकि, स्टील के बर्तन के दाम 250 से 400 रुपए किलो रहा। दुकानदारों के अनुसार तीन करोड़ के करीब बर्तन का कारोबार इस बार रहा।

बाजार में नकली सिक्कों की भरमार

विक्टोरिया सिक्के के नाम पर इस बार नकली सिक्कों की बाजार में भरमार रही। धनतेरस के बहाने दुकानदारों की खूब चांदी कटी। अमूमन विक्टोरिया सिक्के की कीमत 1300 रुपया तो एडवर्ड चांदी सिक्का का दाम 1200 रुपया है। लेकिन, नकली सिक्के को असली बताकर सात से आठ सौ रुपया में बेचे गये। जानकारी के अभाव में कई लोगों ने नकली को असली समझ खरीदारी भी कर ली

उमड़ती रही ग्राहकों की भीड़, लगता रहा जाम :

शहर के चौक बाजार, पुलपर, आलमगंज, महात्मा गांधी रोड में दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। ग्राहकों की भीड़ से बाजार की दुकान और सड़कें अटीपटी रहीं। कहीं-कहीं पर सड़क के किनारे ही बर्तन की दुकान सजा दी गयी थीं। खरीदार सड़क पर ही खड़े होकर खरीदारी में मशगूल रहे। इसकी वजह से बाइक चालकों को भी आगे निकलने में मशक्कत करनी पड़ी।

सर्राफा बाजार में सोना-चांदी की कीमत(सोमवार)

सोना प्रति 10 ग्राम (22 कैरेट) 46,200

चांदी प्रति ग्राम 64 रुपया

शुद्ध चांदी सिक्का 850 रुपए

विक्टोरिया चांदी सिक्का 1300 रुपया

एडवर्ड चांदी सिक्का 1200 रुपया

सोना सिक्का (9999) 54000 रुपया

बर्तन और झाड़ू बाजार :

पीतल के बर्तन - 650 से 800 रुपए किलो

पीतल की मूर्ति -1000 से 1200 रुपए

तांबा - 1180 से 1200 रुपए किलो

कांसा - 1800 रुपए किलो

स्टील - 250 से 400 रुपए किलो

झाड़ू(नारियल ) 35 से 60 रुपए पीस

झाड़ू (फूल वाला) 55 से 170 रुपए पीस

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