मामूली खराबी को दुरुस्त करने में लग जाते हैं कई दिन
जेई व अन्य कर्मियों को जानकारी देने में होती है परेशानी, मखदुमपुर प्रखंड मुख्यालय में पीएचडीई विभाग का कार्यालय नहीं है। जबकि विभाग के नाम पर एक बड़ा भूखंड सुरक्षित...

जेई व अन्य कर्मियों को जानकारी देने में होती है परेशानी
पर्याप्त जमीन के बाद भी पीएचडी का मखदुमपुर में कार्यालय नहीं
मखदुमपुर, निज संवाददाता। मखदुमपुर प्रखंड मुख्यालय में पीएचडीई विभाग का कार्यालय नहीं है। जबकि विभाग के नाम पर एक बड़ा भूखंड सुरक्षित है। 80 के दशक में मखदुमपुर में पीएचडी की स्थिति काफी अच्छी थी। कार्यालय के साथ उस समय भी पेयजल की आपूर्ति सप्लाई के माध्यम से की जाती थी। उस समय में सिर्फ बड़े शहरों में ही नल जल की व्यवस्था थी। लेकिन मखदुमपुर में सुविधा काफी बेहतर था। मखदुमपुर के साथ ही निकट के गांव में भी नल जल की आपूर्ति की जाती थी। लेकिन 85-86 के बाद काफी खराब हो गई है।
वर्तमान में सात निश्चय योजना आने के बाद और नगर पंचायत के प्रयास से शहर क्षेत्र में कई जगहों पर जल मीनार लगाया गया है। फिर भी पहले जैसी सुविधा लोगों को नहीं मिल पा रही है। उस समय पीएचडी का कार्यकाल मखदुमपुर में हुआ करता था। बड़ी संख्या में मिस्त्री एवं अन्य कर्मचारी लोग तैनात थे। लेकिन वर्तमान में पीएचडी कार्यालय के नाम पर एक टूटा हुआ कमरा और जर्जर बाउंड्री वाल ही देखा जा सकता है। बाउंड्री वाल को तोड़कर लोग ईंट चुराकर ले जा रहे हैं। विभाग के करीब एक बीघा जमीन है। स्थानीय लोग मिट्टी चुरा कर भी ले जा रहे हैं जिससे बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। जबकि कार्यालय नहीं रहने के कारण विभाग के जेई एवं अन्य कर्मी मुख्यालय से गायब रहते हैं। कार्यालय नहीं रहने के कारण विभाग में कितने कर्मी तैनात है इसकी जानकारी भी नहीं मिल पाती है। पीएचडीई से संबंधित समस्याओं को लेकर प्रखंड कार्यालय पहुंचते हैं। जिसके कारण समस्या समाधान में काफी विलंब होता है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचडीई के माध्यम से क्या मंडल जल सेवा संचालित हैं। इसके अलावा मखदुमपुर शहरी क्षेत्र और अन्य जगहों पर भी कई जल मीनार हैं। इसके अलावा प्रखंड भर में पेयजल के लिए लगाए गए सैकड़ों की संख्या में चापाकल की देखभाल की जिम्मेवारी भी इसी विभाग को है। कार्यालय नहीं रहने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर भी लोग को जहानाबाद या प्रखंड कार्यालय जाना पड़ता है। इस संबंध में बीडीओ प्रभाकर सिंह ने बताया कि पेयजल की समस्या को लेकर प्रतिदिन ग्रामीण लोग पहुंचते हैं। जिसके लिए पीएचडी के कनीय अभियंता या कार्यपालक अभियंता को फोन से बताना पड़ता है। विभाग को स्थानीय स्तर पर इसके लिए पहल करना चाहिए।
फोटो-21 जनवरी जेहाना-06
मखदुमपुर बाजार स्थित पीएचडी कार्यालय परिसर।
