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सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और तीन पीएचसी प्रभारियों से मांगा स्पष्टीकरण

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के दौरान डीएम आलोक रंजन घोष कार्य में लापरवाही पर बिफर उठे। उन्होंने बैठक के दौरान कई बार स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को फटकार...

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और तीन पीएचसी प्रभारियों से मांगा स्पष्टीकरण
हिन्दुस्तान टीम,जहानाबादFri, 15 Jun 2018 11:44 AM
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जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के दौरान डीएम आलोक रंजन घोष कार्य में लापरवाही पर बिफर उठे। उन्होंने बैठक के दौरान कई बार स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को फटकार लगाई। इस मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के अलावा जिले के तीन पीएचसी प्रभारी, दो एपीएचसी प्रभारी और एक सीएचसी प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जबकि घोसी पीएचसी को छोड़कर शेष अन्य सभी छह पीएचसी के एकाउंटेंट और डाटा ऑपरेटरों का वेतन बंद करने का निर्देश दिया गया है। एकीकृत रोग सर्वेक्षण कार्यक्रम के तहत सभी अस्पतालों से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बारे में अस्पताल और लैब से प्रति सप्ताह रिपोर्ट भेजी जाती है। जिसमें सदर अस्पताल से तीन सप्ताह से लैब की रिपोर्ट तथा शकुराबाद सीएचसी से दो सप्ताह से लैब और अस्पताल की रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। इस मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक तथा सीएचसी के प्रभारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है। मई माह में घोसी पीएचसी में 75 तथा रतनी पीएचसी में 85 बच्चों को रेफर किया गया। मगर मई माह बीत जाने के बाद भी एक भी बच्चे का इलाज पीएचसी में नहीं हुआ। इस मामले में दोनों पीएचसी प्रभारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है। सभी प्रखंडों के एक-एक एपीएचसी में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे डिलेवरी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इनमें से घोसी के भारथु एपीएचसी में पूरे मई महीने में मात्र एक डिलेवरी कराई गई, जबकि मखदुमपुर के धराउत एपीएचसी में केवल दो डिलेवरी हुई। इस मामले में घोसी और मखदुमपुर पीएचसी प्रभारी के अलावा भारथु और धराउत एपीएचसी के प्रभारियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है। घोसी को छोड़कर अन्य सभी पीएचसी से डाटा ऑपरेटरों के द्वारा नियमित टीकाकरण के रिपोर्ट के डाटा की इंट्री नहीं की गई। जिसके कारण जिले का रैंकिंग गिर गया। इधर घोसी छोड़कर अन्य पीएचसी के एकाउंटेंटों के द्वारा नियमित भुगतान नहीं किया जा रहा है। उक्त पीएचसी में पोलियो कोरियर का भुगतान नहीं हो सका। उक्त मामले में घोसी पीएचसी के अलावा सभी पीएचसी के डाटा ऑपरेटरों और एकाउंटेंटों का वेतन बंद कर दिया गया है। एक अप्रैल से 13 जून तक जिले में कुल 1790 डिलेवरी हुई है। इनमें से 1431 प्रसूताओं का भुगतान कर दिया गया है, मगर 359 का भुगतान नहीं हुआ है।

कम ओपीडी देखने वाले डॉक्टरों पर हो कार्रवाई

डीएम आलोक रंजन घोष ने ड्यूटी के दौरान कम ओपीडी देखने वाले चिकित्सकों पर अब तक कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस मामले में सिविल सर्जन को अविलम्ब कर्रवाई करने का निर्देश दिया है। पिछले महीनों में सदर अस्पताल सहित सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों ने ओपीडी ड्यूटी के दौरान बहुत कम मरीज देखे थे। कई चिकित्सक तो पूरे महीने में ओपीडी ड्यूटी में एक भी मरीज नहीं देखा था। इस मामले में हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से खबर भी छापी थी। जिसके बाद वैसे चिकित्सकों से स्पष्टीकरण पूछा गया था। मगर स्पष्टीकरण पूछे जाने के बाद अब उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। डीएम ने दोषी चिकित्सकों पर अविलम्ब कार्रवाई करने को कहा है। ड्यूटी ठीक ढ़ंग से नहीं निभाने वाली एएनएम और आशा को पदमुक्त करने की कार्रवाई करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया है। बैठक में सीएस डॉ. विजय कुमार के अलावा, डीपीएम अनवर आलम, डीआईओ डॉ. बीएन शर्मा, वीवीबीसीओ डॉ. दिलीप कुमार, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. ब्रजभूषण सिंह, जिला इपीडियोमेलॉजिस्ट आलोक कुमार, रविशंकर कुमार के अलावा सभी पीएचसी के प्रभारी और प्रबंधक उपस्थित थे।

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