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70 प्रतिशत लोकल यात्रियों ने बंद कर दी है ट्रेन की सवारी (पेज चार के लिए )

पटना - गया रेलखंड पर कोरोना की भयावहता व लॉकडाउन का कुप्रभाव, 01शिफ्ट में ही कार्यरत है आरक्षण काउंटर 02 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन किया गया है...

70 प्रतिशत लोकल यात्रियों ने बंद कर दी है ट्रेन की सवारी (पेज चार के लिए )
हिन्दुस्तान टीम,जहानाबादFri, 14 May 2021 09:00 PM
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पटना - गया रेलखंड पर कोरोना की भयावहता व लॉकडाउन का कुप्रभाव

रेलवे के राजस्व पर पड़ा है व्यापक असर

महानगरों के आरक्षित टिकट करा रहे कैंसिल

01शिफ्ट में ही कार्यरत है आरक्षण काउंटर

02 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन किया गया है रद्द

जहानाबाद। निज प्रतिनिधि

वैश्विक महामारी कोरोना की भयावहता और इसकी चेन तोड़ने के लिए सरकार के द्वारा प्रभावी किए गए लॉकडाउन का व्यापक प्रभाव पटना - गया रेलखंड पर पड़ा है। दानापुर रेल मंडल का एक प्रमुख पीजी लाइन में सफर करने वाले करीब 70 प्रतिशत लोकल यात्रियों ने ट्रेन की सवारी बंद कर रखा है। जरूरतमंद ही गाइड लाइन के अनुसार आवाजाही कर रहे हैं। इससे रेलवे के राजस्व पर व्यापक असर पड़ा है। फिलहाल एक ही शिफ्ट में सुबह आठ से दो बजे दोपहर तक जहानाबाद का आरक्षण टिकट काउंटर संचालित है। रिजर्वेशन का दूसरा शिफ्ट अगले आदेश तक के लिए बंद है। एक जोड़ी एक्सप्रेस और एक जोड़ी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन उक्त रेल खंड में पूर्व से ही रद्द है। आमतौर पर गुलजार रहने वाला जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा रह रहा है। कुछ दिन पहले तक आसपास के लोग जहानाबाद स्टेशन के इलाके में या प्लेटफार्म के किनारे अहले सुबह टहलने के उद्देश से जाते थे। उन लोगों ने भी मॉर्निंग वॉक बंद कर घर में ही रहना मुनासिब समझा है।

11 स्टेशन और 18 हॉल्ट है रेलखंड में

पटना-गया रेलखंड के बीच 11 रेलवे स्टेशन और 18 हॉल्ट है। हॉल्टों पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होता, जबकि पैसेंजर ट्रेनें हॉल्ट पर पहले रुकती थी। वर्तमान समय में जो स्पेशल पैसेंजर ट्रेनें चल रही है उसका भी ठहराव हॉल्ट पर नहीं है। बता दें कि उक्त रेलखंड में जहानाबाद रेलवे स्टेशन से पहले सामान्य दिनों में प्रतिदिन करीब सात - आठ हजार यात्री आवागमन करते थे। पटना - गया के अलावा बीच के स्टेशनों पर उतरते थे या वहां से जहानाबाद आते थे। रेलवे को तकरीबन 90 हजार रुपये प्रतिदिन राजस्व की प्राप्ति होती थी। लेकिन स्थिति बिल्कुल विपरीत हो गई है। बताया जाता है कि तकरीबन 60 से 70 प्रतिशत लोकल यात्रियों में ट्रेन की सवारी करना बंद कर दिया है। जहानाबाद से पटना और गया के लिए प्रतिदिन सरकारी कार्यालयों के अलावा प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाले लोग आया - जाया करते थे। कुछ फुटपाथ दुकानदार भी पटना जाकर रोजगार करते थे और होने वाले आय से अपने परिवार का भरण - पोषण करते थे जो कि फिलहाल सब बंद है। लोग जान जोखिम में डालना नही चाहते। वैसे भी लॉकडाउन की वजह से सबका रोजगार बंद पड़ गया है। ऐसे लोग जहानाबाद में ही कुछ न कुछ धंधा करके अपने परिवार का भरण - पोषण कर रहे हैं।

स्टाफ स्पेशल ट्रेन में रहती है भीड़

जहानाबाद से पटना जाने के लिए सुबह में करीब 07 बजे और 8:30 बजे क्रमश: पैसेंजर ट्रेन और इंटरसिटी एक्सप्रेस का परिचालन होता था जिसे रद्द कर दिया गया है। अब इसके बाद 9:45 बजे जहानाबाद आने वाली स्पेशल पैसेंजर ट्रेन में भीड़ होती है। इसके बाद दोपहर और शाम में गुजरने वाली पैसेंजर ट्रेनों से बहुत कम ही संख्या में यात्री पटना की ओर जाते हैं। इधर पटना से प्रतिदिन खुलने वाली स्टाफ स्पेशल ट्रेन सुबह में जहानाबाद से गुजरती है जिसमें सामान्य यात्री भी सवार रहते हैं। इसके बाद जो पैसेंजर ट्रेन आती है उसे छोड़ कर उसके बाद के ट्रेन में यात्रियों की संख्या अत्यंत कम रहती है। शाम में पटना जंक्शन से खुलकर जहानाबाद - गया होते भभुआ रोड तक जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस के अलावा रात में 10 बजे पटना से खुलने वाली पैसेंजर ट्रेन का परिचालन भी पहले से स्थगित किया गया है। स्थिति को देखते हुए जहानाबाद स्टेशन के आरक्षण काउंटर को एक ही शिफ्ट में चलाया जा रहा है। सुबह 08 बजे से दोपहर 02 बजे तक आरक्षण का काउंटर संचालित रहता है। महानगर दिल्ली, मुंबई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु समेत अन्य महानगरों के लिए जिन लोगों ने पहले टिकट आरक्षित कराया था वे तेजी से कैंसिल कराये हैं और अभी भी कैंसिल कराने का दौर जारी है। स्टेशन के प्रभारी प्रबंधक जितेंद्र कुमार का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना के कारण जहानाबाद स्टेशन से प्राप्त होने वाले राजस्व पर व्यापक असर पड़ा है। 60 से 70 फ़ीसदी राजस्व में कमी आई है।

फोटो-14 मई जेहाना-05

कैप्शन--यात्रा के दौरान संक्रमण के भय के कारण जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर पसरा सन्नाटा।

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