सामाजिक समरसता में बाधक है वर्ग विभेद
घोसी। निज संवाददाताप्रखंड के देहुनी गांव में आयोजित हो रहे श्रीराम विवाह महोत्सव के दौरान अपने प्रवचन में स्वामी राघवेन्द्राचार्य जी महाराज ने कहा कि वर्ग विभेद सामाजिक समरसता और विकास में बाधक है।...
घोसी। निज संवाददाता
प्रखंड के देहुनी गांव में आयोजित हो रहे श्रीराम विवाह महोत्सव के दौरान अपने प्रवचन में स्वामी राघवेन्द्राचार्य जी महाराज ने कहा कि वर्ग विभेद सामाजिक समरसता और विकास में बाधक है। प्राचीन ऋषि मुनियों ने कर्म के आधार पर वर्ण व्यवस्था का विचार प्रस्तुत किया था। दुर्भाग्य से बाद के समय में यह जन्म के आधार पर वर्गीकृत हो गया। उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि समाज के सभी लोग एक-दूसरे के पूरक हैं। शरीर का प्रत्येक अंग महत्वपूर्ण है। शरीर तभी स्वस्थ रहेगा, जब सभी अंग मिल कर काम करें। उन्होंने कहा कि समाज में न कोई श्रेष्ठ है और न ही कोई निम्न। वर्ण की परिभाषा समझे बिना लोग आपस में झगड़ा कर रहे हैं और इसे अपनी सुविधा के अनुसार परिभाषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान सबके लिए बराबर का भाव रखते हैं। प्रभु को प्राप्त करने के लिए निश्चल भक्ति अनिवार्य है। भक्ति के माध्यम से कोई भी व्यक्ति प्रभु को प्यारा हो सकता है।