Hindi NewsBihar NewsIs Dularchand Yadav murder is a target killing question rise after single casualty in two sided clash of hundreds people
सैकड़ों की भीड़ में अकेला शिकार, मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या टारगेट मर्डर तो नहीं है?

सैकड़ों की भीड़ में अकेला शिकार, मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या टारगेट मर्डर तो नहीं है?

संक्षेप: मोकामा में दो दबंग अनंत सिंह और सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी के बीच आमने-सामने की लड़ाई को पीयूष प्रियदर्शी की पीठ पर खड़े होकर दुलारचंद यादव तिकोना बना रहे थे। पुराने बाहुबली दुलारचंद पीयूष के साथ थे।

Tue, 4 Nov 2025 09:09 AMRitesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, पटना
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मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झगड़े में दुलारचंद यादव की इकलौती हत्या से टारगेट मर्डर की आशंका पैदा हो रही है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अनंत सिंह और जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के पीयूष प्रियदर्शी के काफिले में चल रही दर्जनों गाड़ियों के आमने-सामने होने के बाद दोनों तरफ के सैकड़ों लोगों के बीच पथराव और मारपीट हुई, लेकिन गोली सिर्फ दुलारचंद को लगी। गोली दुलारचंद के पांव में लगी और पार निकल गई लेकिन चोट और गाड़ी से कुचलने के कारण मौत हुई। इस संघर्ष में कई घायल हुए, लेकिन मौत सिर्फ एक हुई है। केस में अनंत सिंह अरेस्ट होकर जेल चले गए हैं।

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मोकामा के चुनाव में अनंत सिंह और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी के बीच आमने-सामने के मुकाबले को दुलारचंद ने पीयूष प्रियदर्शी को समर्थन देकर त्रिकोणीय बना रखा था। मोकामा में हर कोई इस जोड़-घटाव में लगा था कि धानुक जाति के पीयूष एनडीए का कितना कुर्मी वोट काटेंगे और दुलारचंद महागठबंधन का कितना यादव वोट तोड़ेंगे। दो दबंगों की लड़ाई में पीयूष साधारण राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, लेकिन दुलारचंद से उन्हें वह ताकत मिल रही थी, जिससे वो अनंत और सूरजभान सिंह के सामने तनकर खड़े थे।

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दुलारचंद इलाके के पुराने हिस्ट्रीशीटर थे। हत्या समेत तमाम तरह के क्रिमिनल केस भी दर्ज थे। दुलारचंद का टाल इलाके में काफी दबदबा था। उनके भतीजे रवि ने आरोप लगाया है कि अनंत सिंह द्वारा पहले से ही धमकी दी जा रही थी। कभी लालू यादव तो कभी नीतीश कुमार की पार्टी के साथ रहे दुलारचंद 1990 में लोकदल (बहुगुणा) के टिकट पर मोकामा से लड़े थे। तब अनंत के बड़े भाई दिलीप सिंह जनता दल से जीते और दुलारचंद लगभग 22 हजार वोट लाकर तीसरे नंबर पर रहे थे। उसके बाद वो हर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में किसी के साथ या किसी के खिलाफ रहते हैं। 2022 के उप-चुनाव में उन्होंने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी का समर्थन किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव में रिश्ते बिगड़ गए। दुलारचंद ने हाल में ‘नाचने वाली’ बयान दिया था, जो उनकी हत्या के बाद फिर से चर्चा में है।

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मोकामा में यह चर्चा भी आम है कि पीयूष को बिठाने की कोशिश को दुलारचंद नाकाम कर रहे थे। दुलारचंद ने पीयूष को बाहुबल से निडर रहने का भरोसा दिया था। पीयूष दुलारचंद के साथ मिलकर मोकामा में यादव और धानुक का नया राजनीतिक कॉकटेल बना रहे थे। दुलारचंद की हत्या के बाद पीयूष का सिस्टम हिल गया है जो उनके जिंदा रहते नहीं हो पा रहा था। दोतरफा केस में अब तो पीयूष पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। बाहुबली दुलारचंद की दबंग छवि को देखते हुए दोतरफा संघर्ष में मात्र उनकी जान जाना, संयोग है या लक्ष्य साधकर प्रयोग, एक जटिल सवाल है। इसका जवाब पुलिस जांच से भी मिलेगा या नहीं, कहना मुश्किल है।

Ritesh Verma

लेखक के बारे में

Ritesh Verma
रीतेश वर्मा लगभग ढाई दशक से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। बिहार में दैनिक जागरण से करियर की शुरुआत करने के बाद दिल्ली-एनसीआर में विराट वैभव, दैनिक भास्कर, आज समाज, बीबीसी हिन्दी, स्टार न्यूज, सहारा समय और इंडिया न्यूज के लिए अलग-अलग भूमिका में काम कर चुके हैं। और पढ़ें
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