महागठबंधन को बहुमत तो सबसे बड़े दल का नेता सीएम; दीपांकर ने बताई माले के मन की बात
महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि गठबंधन को बहुमत मिलने के बाद सबसे बड़े दल का नेता हमारा सीएम होगा।जिसके बाद मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सियासी चर्चा और तेज हो गई है।

बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीएम फेस पर जारी चर्चा के बीच भाकपा माले की ओर से बड़ा बयान दिया गया है। महागठबंधन की सहयोगी सीपीआई-एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि अगर महागठबंधन को बहुमत आता है, तो सबसे बड़े दल का नेता हमारा सीएम होगा। इस पर कोई संशय नहीं है। हालांकि महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को सीएम फेस के तौर पर देखा जा रहा है। जिसकी वकालत खुद आरजेडी काफी दिनों से कर रही है। वहीं गठबंधन के एक और सहयोगी वीआईपी चीफ मुकेश सहनी भी कह चुके हैं कि तेजस्वी यादव के ही नेतृत्व में महागठबंधन चुनाव लड़ रहा है, और मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी ही है।
लेकिन कांग्रेस के बाद अब माकपा माले ने भी चुनाव परिणाम के बाद सबसे बड़े दल के नेता को सीएम बनाने की बात कही है। ऐसे में अब तेजस्वी के सीएम फेस पर महागठबंधन में ही संशय की स्थिति पैदा हो गई है। हड़ताली मोड़ स्थित पार्टी कैम्प कार्यालय पर मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता में भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि 2025 में बिहार में बदलाव होगा। इंडिया गठबंधन जमीन पर सक्रिय है। 4 मई को प्रतिनिधियों का सम्मेलन है । हमलोग संगठित रूप से आगे बढ़ रहे हैं। बिहार में झारखंड मॉडल की तरह इंडिया गठबंधन की जीत होगी।
वहीं सीट शेयरिंग पर उन्होंने कहा कि हमलोग एकजुट होकर लड़ेंगे, सीट पर अभी बात नहीं हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत पर सवाल करते हुए कहा कि यह भाजपा की साजिश है। ओडिशा में भाजपा ने नवीन पटनायक की सेहत को मुद्दा बनाया था, बिहार में नीतीशजी को घेरे रहती है। उन्होंने कहा कि 4 मई को गठबंधन के प्रतिनिधियों का सम्मेलन है। 20 मई को ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों के आंदोलन को समर्थन रहेगा।
पहलगाम आतंकी हमले पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार से जो सवाल पूछते थे, आज भी वही सवाल प्रासंगिक हैं। आज भी पीएम से सवाल है कि आतंकी आते कहां से हैं? उनको फंडिंग कहां से हो रही है?
सर्वदलीय बैठक में माले को नहीं बुलाए जाने से साफ है कि सरकार गंभीर मसले पर राजनीतिक विमर्श से बच रही है। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में वाम छात्र संगठनों की जीत बिहार और पूरे देश को आश्वस्त करने वाला जनादेश है। प्रेसवार्ता में राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, केडी यादव, अमर, एमएलसी शशि यादव और विधायक संदीप सौरभ मौजूद रहे।