हिंदुस्तान हमारा, हमको प्राणों से है प्यारा... सुन श्रोता मंत्रमुग्ध
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशभक्ति की काव्य रसवर्षा संग कवियों ने काव्य की ऐसी महफ़िल सजाई की श्रोता झूम उठे कार्यक्रम की अध्यक्षता

डीएम यशपाल मीणा के विशेष पहल पर जिला प्रशासन की ओर से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को देशभक्ति की काव्य रसवर्षा के साथ कवियों ने काव्य की ऐसी महफ़िल सजाई की श्रोता झूम उठे। काव्य की यह महफ़िल देशभक्ति के गीतों और रचनाओं से सराबोर रही। कविताओं की प्रस्तुति में देशभक्ति रचनाओं के विविध रंग दिखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएम यशपाल मीणा ने की। इस दौरान एडीएम, डीसीसी एवं सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। बताते चलें कि आपके अपने अखबार हिदुस्तान ने हाजीपुर बोले कार्यक्रम के अंतर्गत साहित्यकारों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया था। जिस पर डीएम ने पहल करते हुए गणतंत्र दिवस पर कवि सम्मेलन आयोजित किया। जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने साहित्यकारों और रचनाकारों को आश्वस्त किया है कि आपके लिए जो भी बेहतर पूर्व में होता रहा है। वह आपलोगों के लिए किया जाएगा। उन्होंने केंद्रीय पुस्तकालय के पुन: निर्माण की भी चर्चा की। डीएम ने कहा कि साहित्य का महत्व बहुत ज्यादा है। कविता से अच्छी शिक्षा और श्रेष्ठ आदर्श मिलते हैं। कविता के जरिए जीवन का सत्य और तरह-तरह के अनुभव को व्यक्त किया जा सकता है। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ प्रतिष्ठित काव्यमंचों पर काव्यपाठ कर चुके आशुतोष सिंह ने देशभक्ति की रचना से की। उन्होंने शुरुआत इन पंक्तियों से किया। विश्व शीश पर मुकुट सदृश्य यह हिंदुस्तान हमारा, हमको प्राणों से है प्यारा....। इसके बाद कवियों की एक से बढ़कर एक कविताओं की प्रस्तुति कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वे हर प्रस्तुति पर वाह वाह कहने पर विवश थे। वरिष्ठ कवि सीताराम सिंह ने अपनी रचना से देश भक्ति का हुंकार भरी। उन्होंने यह शक्ति ज्योत जले न जले... की प्रस्तुति कर श्रोताओं को ताली बजाने पर विवश कर दिया। विद्वान रचनाकार डॉ शिवबालक राय प्रभाकर ने सुनाया 26 जनवरी गणतंत्र दिवस उल्लास से मनाना है...। । युवा कवि प्रवीण सागर भारत के जवानों को समर्पित करते हुए सुनाया वीर प्रशोभा भारतमाता के हम हैं सच्चे सेनानी, हम न रुकेंगे आंधी हो या पानी...। इस प्रस्तुति पर पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। बज्जिका में पर्यावरण से संबंधित गीत रचना सुनाई बज्जिका के प्रतिष्ठित कवि मणि भूषण प्रसाद सिंह अकेला बज्जिका भाषा की चर्चा करते हुए पर्यावरण से सम्बंधित गीत रचना सुनाई। उन्होंने सुनाया चलs लगा दs एगो गाछ तू, निज धरती मइया के नाम, तू न रहबs तइयो रहतो तेरो नाम.... बज्जिका कविता की प्रस्तुति पर श्रोता व पदाधिकारी झूम उठे। हिंदी के व्याख्याता डॉ छोटेलाल गुप्ता ने कविता मैं हिदी साहित्य का पुजारी सबके दिलों में रहता हूं ... की प्रस्तुति के हिदी के प्रति प्रेम को दर्शाया। स्त्री महत्ता पर कविता की प्रस्तुति कर किया प्रभावित जिला आपूर्ति पदाधिकारी अनु कुमारी स्त्री महत्ता पर कविता की प्रस्तुति कर काफी प्रभावित किया। उन्होंने सुनाया ए स्त्री तू चल अपनी चाल, की नदी भी बहने लगे तेरे साथ साथ...। इसके अलावा बज्जिका कवि व नाटककार अखोरी चंद्रशेखर, साहित्यकार व योग गुरु महेंद्र प्रियदर्शी, परवेज आलम की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। कवि सम्मेलन का संचालन डॉ संजय विजित्वर ने किया। कार्यक्रम के दौरान बज्जिका कवि मणि भूषण सिंह ने अपनी दो पुस्तक डीएम को उपहार स्वरूप प्रदान की। इन्होंने पढ़ी कविताएं आशुतोष सिंह, शंभू शरण मिश्रा, डॉक्टर शिव बालक राय प्रभाकर, सीताराम सिंह, मणि भूषण प्रसाद सिंह अकेला, प्रो. छोटेलाल गुप्ता, प्रवीण सागर, हरि विलास राय, डॉक्टर संजय विजित्वर, कौशल परवेज खान ने कविताएं पढ़ीं। इसके अलावा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी नीरज, निदेशक डीआरडीए अजीत कुमार ने भी कविताएं सुनाईं। हाजीपुर-01- जिला प्रशासन की ओर से शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित देशभक्ति की कवि सम्मेलन कार्यक्रम का उद्घाटन करते जिलाधिकारी यशपाल मीणा साथ में एडीएम विनोद कुमार, डीडीसी कुंदन कुमार और अन्य पदाधिकारी। हाजीपुर - 02- शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित देशभक्ति की कवि सम्मेलन के दौरान कविता पाठ करते विद्वान रचनाकार डॉ शिवबालक राय प्रभाकर।
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