चकौसन बाजार : 70 फीट से ऊंचे पंडाल में दर्शन देंगी मां दुर्गा
बंगाली संस्कृति पर आधारित 30 फिट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा की जा रही है तैयार प्रतिमा के निर्माण में पश्चिम बंगाल से प्रशिक्षित और चर्चित मूर्तिकार जुटे हैं निर्माण में काशी से आए आचार्य की देख रख ...

बिदुपुर । संवाद सूत्र बिदुपुर प्रखंड में चर्चित पूजा पंडालों में शामिल चकौसन बाजार स्थित पूजा समिति अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। यहां नवरात्रि अनुष्ठान दुर्गापूजा और दशहरा मेला की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। मां सिद्धेश्वरी देवी के नाम से यहां तीन दशक से ज्यादा दिनों से भव्य पूजा का आयोजन लगातार हो रहा है। चकौसन बाजार में होने वाली सिद्धेश्वरी मां की पूजा देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां आधुनिक और पौराणिक संस्कृति के दर्शन होते हैं। इस बार यहां पर बंगाली संस्कृति पर आधारित 30 फिट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा महिषासुर मर्दनी के रूप में तैयार की जा रही है।
इसके साथ ही भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, माता सरस्वती के साथ भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा का भी भव्य स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। प्रतिमा के निर्माण में पश्चिम बंगाल से प्रशिक्षित और चर्चित मूर्तिकार महुआ के राकेश लाल बिहारी सहयोगियों के साथ जुटे हुए हैं। सप्तमी, अष्टमी और नवमी को विशेष पूजा होगी। पूजा समिति के संयोजक धर्मेंद्र चौरसिया ने बताया कि 15 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर महिषासुर मर्दनी माता की भव्य 30 फीट ऊंची मूर्ति बन रही है, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होगी। वहीं 70 फीट से ऊंचे पंडाल की आकर्षक सजावट लोगों को चकित करेगी। पूजास्थल और आसपास बिजली के झालरों की बेहतरीन सजावट होगी। पूजा का कुल बजट 4 से 5 लाख का है। जो व्यवसायियों और लोगों के साहयोग से पूरा हो जाता है। काशी से आए आचार्य की देख रेख में सप्तमी, अष्टमी और नवमी को विशेष पूजा होगी। यहां परम्परानुरूप दशहरा के दूसरे दिन विसर्जन होगा। बलि पर रोक रहती है। जिसके कारण श्रद्धालु मां को पूजा कर अर्पित किया और फिर उसे लौटाकर ले जाते हैं। क्या है मान्यता यहां आसपास के ग्रामीणों की मान्यता है कि जिसने भी यहां मन्नत मांगी उसका मन्नत अवश्य पूरी हुई है। पूजा समिति के अध्यक्ष अमरेश कुमार ने बताया कि यहां सप्तमी, अष्टमी, नवमी एवं दशमी चार दिनों में जो भी कुछ मांगा उसका पूरा हुआ। हाल ही में समस्तीपुर की एक महिला 14 साल बाद जोड़ा खस्सी चढ़ाने आई थी, क्योंकि उसे कोई संतान नहीं थी। माता कि कृपा से वह आज दो बेटों की मां है। यहां श्रद्धालुओं ने सोने के नथ, बाली, मांग टीका और चांदी के कमरबंद चढ़ाया है, जो हर साल तीनों देवियों को पहनाया जाता है। चार दिवसीय मेला की भी है तैयारी माता का पट खुलने के बाद चार दिवसीय दशहरा मेला की भी तैयारी की जा रही है। विभिन्न प्रकार के खेल तमाशे के अलावा विभिन्न प्रकार स्टाल देखने को मिलेंगे। साथ ही सुरक्षा के लिए पूजा समिति के सदस्य सक्रिय रहेंगे। पूजा समिति के सदस्य संयोजक : धर्मेंद्र चौरसिया अध्यक्ष : पूर्व सरपंच अमरेश कुमार उपाध्यक्ष : सुरेश राम सचिव : महेश चौरसिया कोषाध्यक्ष : मेघनाथ चौधरी सदस्य : व्यवसायी और ग्रामीण बयान... पूजा के साथ दशहरा मेला की तैयारी की जा रही है। यहां से आसपास के ग्रामीणों की अगाध श्रद्धा है। श्रद्धालुओं की सुविधा सेवा एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्वयं सेवक तैनात रहेंगे। माता की कृपा से और लोगों के सहयोग से पूजा सफलता पूर्वक सम्पन्न हो जाती है। -संयोजक : धर्मेंद्र चौरसिया फोटो :- मां दुर्गा की (फाइल फोटो)
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