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म्यूटेंट होने के कारण कोरोना वायरस बदल रहा अपना रूप : डॉ प्रभात

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान कई नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही मामले में कोरोना की जांच रिपोर्ट में निगेटिव होने के बाद भी अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और अस्पताल में जाने की नौबत...

म्यूटेंट होने के कारण कोरोना वायरस बदल रहा अपना रूप : डॉ प्रभात
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,हाजीपुरTue, 27 Apr 2021 11:20 PM
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कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान कई नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही मामले में कोरोना की जांच रिपोर्ट में निगेटिव होने के बाद भी अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और अस्पताल में जाने की नौबत आ जाती है। इस बारे में डाक्टरों ने लोगों से सतर्क रहने के साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की हिदायत दी है। निगेटिव होने के बाद भी अगर बुखार और खांसी आए तो तुरंत डाक्टर की सलाह पर एक्स-रे या फिर एचआरसीटी स्कैन अवश्य करवाएं जिले के प्रसिद्ध फिजीसियन से बातचीत पर आधारित एक रिपोर्ट

हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिनमें कोरोना पॉजिटिव मरीज की एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आती है, इसके बाद आरटीपीसीआर की भी रिपोर्ट निगेटिव या किसी कारण से आने में देर होती है। जिसके बाद अचानक मरीज की तबीयत बिगड़नी शुरू होती है, पहले सांस लेने में परेशानी फिर आक्सीजन लेबल अचानक कम होने लगता है और मरीज को चिंताजनक स्थिति में अस्पताल में एडमिट कराना पर रहा है। ऐसे में सही समय पर इलाज नहीं होने पर कई मरीजों की मौत भी हो जा रही है। इस स्थिति के संबंध में जौहरी बाजार स्थित एक नर्सिंग होम के डॉक्टर और प्रसिद्ध चिकित्सक अनिल कुमार ने बताया कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी अगर बुखार 102 डिग्री से 103 डिग्री तक हो और खांसी ठीक नहीं हो रही हो तो तत्काल एचआरसीटी स्कैन करवाएं। अब कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान एचआरसीटी स्कैन के माध्यम के द्वारा ही हो पा रही है। यह स्कैन होने के बाद फेफड़े के संक्रमण के बारे में जानकारी मिल जाती है और मरीज का इलाज तत्काल शुरू होता है, जिस कारण मरीज ठीक हो जाता है। लेकिन एचआरसीटी स्कैन कराने में लेट होने पर फेफड़े का संक्रमण ज्यादा हो जाने पर आक्सीजन लेबल कम होने लगता है। जिस कारण मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है।

डबल और ट्रिपल एग्रेसन के साथ अटैक

वहीं प्रसिद्द फिजिसियन डॉक्टर प्रभात कुमार ने बताया कि पिछले साल की मुकाबले इस बार कोरोना वायरस म्युटेंट होकर अपना स्वरूप बदल रहा है। इस कारण वेरियेंट होने के कारण ये डबल और ट्रिपल एग्रेसन के साथ अटैक कर रहा है। इन्होंने बताया कि पहले कोरोना का सिमटम कुछ और था, लेकिन इस बार कई तरह के सिमटम हैं। डायरिया, कमजोरी, हेडेक, बुखार और खांसी में से कोई एक या सभी लक्षण कोरोना के हो सकते हैं। ऐसे में सतर्कता हीं सबसे बड़ा हथियार है। इन लक्षणों को देखते हीं पहले कोरोना जांच फिर बाद में एक्स- रे और फिर एसआरसीटी स्कैन की सलाह मरीजों को दी जा रही है।

सतर्कता ही है सबसे बड़ा हथियार

डॉ प्रभात ने बताया कि आज सबसे बड़ा हथियार सतर्कता हीं है। इसलिए मास्क पहनने के साथ हाथों का सेनेटाईजेशन महत्वपूर्ण हैं। जो लोग कार्यस्थल पर जाते हैं उन्हें डबल मास्क का प्रयोग करना आवश्यक है। इन्होंने बताया कि कोरोना की पिक आना अभी शेष है। इसलिए बचाव और सतर्कता हीं सबसे बड़ा हथियार है।

फोटो- हाजीपुर-

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