बिहार में जमीन के अंदर छिपा है 'खजाना'? 13 जिलों में बहुमूल्य रत्न और पत्थरों की खोज करेगा जीएसआई
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर समेत बिहार के 13 जिलों में बहुमूल्य रत्नों एवं खनिज पदार्थों के भंडार की खोज करेगा। यह सर्वे 130 दिनों में पूरा होगा।
बिहार में जमीन के अंदर बहुमूल्य रत्न और पत्थरों के भंडार होने की संभावना है, जो किसी खजाने से कम नहीं है। इसकी खोज के लिए सेंट्रल जियोलॉजिकल प्लानिंग बोर्ड ने सर्वे की अनुमति दी है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने बिहार के 13 जिलों में बहुमूल्य रत्नों, पत्थरों और खनिज पदार्थों के भंडारण का पता लगाएगा। इसमें प्राकृतिक संसाधनों और पर्वायवरणीय भूगर्भशास्त्र का अध्ययन भी किया जाएगा। यह सर्वे मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बांका, जमुई, लखीसराय, भागलपुर, खगड़िया, औरंगाबाद, मुंगेर, गया, रोहतास, नालंदा और नवादा जिले में होगा। इसके अलावा झारखंड के पलामू, गिरिडीह और चतरा जिले में भी खनिज पदार्थों की खोज होगी। जीएसआई ने इस सर्वे को 130 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
जानकारी के मुताबिक बिहार के कई जिलों में बेशकीमती रत्न और पत्थरों का भंडार के साथ ही रासायनिक तत्वों के होने की संभावना जताई जा रही है। इसको लेकर जीएसआई ने संबंधित जिलों के पदाधिकारियों को पत्र भेजा है। इन जिलों में सर्वे अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। जियोलॉजिकल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ने मुख्य सचिव के माध्यम से संबंधित जिलों के डीएम को लिखे गए पत्र में सर्वे अधिकारियों के लिए प्रशासनिक सहयोग मांगा है।
बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर में अभ्रक (माइका) के साथ शोरा (नोनिया मिट्टी) और रेह (क्षारीय मिट्टी) मिलने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, समस्तीपुर में रेह एवं शोरा जैसे खनिज पदार्थ मिलने की उम्मीद है। इसी तरह अन्य जिलों में भी खनिज पदार्थों के होने की संभावना जियोलॉजिकल विभाग ने जताई है। सर्वे होने के बाद ही पता चल पाएगा कि किस जिले में किस खनिज का कितना भंडार है।
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